झारखंड : संविधान पर टिप्पणी को लेकर के मंत्री हफीजुल हसन के खिलाफ BJP ने निकाला विरोध मार्च

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गिरिडीह : भाजपा कार्यकर्ताओं ने शनिवार को राज्य सरकार में मंत्री हफीजुल हसन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और उनसे इस्तीफे की मांग की। यह प्रदर्शन प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में किया गया। राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हसन ने कथित तौर पर शरीयत को संविधान से ऊपर बताया था।

वक्फ संशोधन अधिनियम से जुड़े सवाल के जवाब में हसन ने 14 अप्रैल को कहा था, शरीयत मेरे लिए बड़ा है। हम मुसलमान कुरान सीने में और संविधान हाथ में लेकर चलते हैं। तो हम पहले शरीयत को पकड़ेंगे, उसके बाद संविधान को। मेरा इस्लाम यही कहता है। हालांकि, बाद में उन्होंने दावा किया कि मीडिया ने उनकी टिप्पणी को गलत तरीके से पेश किया। उन्होंने कहा कि शरीयत और संविधान दोनों ही उनके लिए समान रूप से महत्वपूर्ण हैं।

भाजपा कार्यकर्ताओं ने गिरिडीह स्टेडियम से विरोध मार्च निकाला और जिला कलेक्टरेट पर पहुंचकर प्रदर्शन किया। मरांडी ने कहा, जब तक अप्लसंख्यक मंत्री इस्तीफा नहीं दे देते  या उन्हें मंत्रिमंडल से नहीं हटाया जाता, तब तक विरोध जारी रहेगा। उन्होंने कहा, देश केवल भीमराव आंबेडकर के संविधान के आधार पर चलेगा।

वहीं, भाजपा के विरोध प्रदर्शन की आलोचना करते हुए राज्य के पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा, अगर हसन ने कुछ भी असांविधानिक कहा है तो भाजपा प्रमुख को अदालत जाना चाहिए। उन्होंने कहा, विरोध या प्रदर्शन करने से उन्हें कुछ हासिल करने में मदद नहीं मिलेगी। लोगों ने चुनावों में भाजपा को सबक सिखाया है। लेकिन, वे अभी भी नहीं समझे हैं। कुमार ने कहा, भाजपा मंत्रिमंडल के मामले में झामुमो को निर्देश नहीं दे सकती। उन्होंने कहा, मंत्री नियुक्त करना मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है।

वहीं, कुमार के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मरांडी ने कहा कि वे जनता की अदालत में हैं। उन्होंने कहा, लोकतंत्र में जनता की अदालत सबसे बड़ी अदालत होती है।