बांग्लादेश अशांति : कोलकाता से दिल्ली तक प्रदर्शन, ढाका में भारतीय उच्चायुक्त तलब

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नई दिल्ली : भारत में बांग्लादेशी दूतावासों की सुरक्षा को लेकर चिंताओं के बीच, बांग्लादेश में भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को मंगलवार को बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय में तलब किया गया। राजनयिक सूत्रों ने इस मामले की पुष्टि की। सूत्रों के अनुसार, नई दिल्ली और कोलकाता सहित भारत के कई हिस्सों में स्थित बांग्लादेशी मिशनों के आसपास उभरती सुरक्षा स्थिति के मद्देनजर वर्मा को बुलाया गया था।

सूत्रों के मुताबिक मंगलवार को बांग्लादेश के विदेश सचिव असद आलम सियाम ने भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को विदेश मंत्रालय बुलाया। यह बैठक भारत के विभिन्न हिस्सों, विशेषकर नई दिल्ली और कोलकाता में स्थित बांग्लादेशी मिशनों की सुरक्षा को लेकर बुलाई गई थी। इस दौरान बांग्लादेश सरकार ने भारत से अपने मिशनों और राजनयिकों की सुरक्षा मजबूत करने का अनुरोध किया है।

दस दिन में दूसरी बार किया तलब : पिछले 10 दिनों में यह दूसरी बार है जब प्रणय वर्मा को तलब किया गया है। इससे पहले 14 दिसंबर को उन्हें ‘इंकलाब मंच’ के संयोजक शरीफ उस्मान हादी पर हमला करने वाले आरोपियों को पकड़ने में सहयोग के लिए बुलाया गया था। गौरतलब है कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के कार्यकाल में भारतीय राजदूत को अब तक छह बार तलब किया जा चुका है।

अत्याचार के खिलाफ हो रहा प्रदर्शन : वहीं दूसरी ओर कोलकाता में बांग्लादेशी अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों के विरोध में सैकड़ों लोगों ने मार्च निकाला। कोलकाता में ‘बोंगियो हिंदू जागरण’ के बैनर तले सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने ‘हिंदू हुंकार पदयात्रा’ निकाली। भगवा झंडे लिए प्रदर्शनकारी सियालदह से बांग्लादेश उप उच्चायोग की ओर बढ़ रहे थे, जिन्हें बेकबागान इलाके में भारी पुलिस बल ने रोक दिया।

पुलिस ने किया लाठीचार्ज : जब प्रदर्शनकारियों ने उप उच्चायोग के करीब जाने के लिए पुलिस बैरिकेड्स तोड़ने की कोशिश की, तो स्थिति तनावपूर्ण हो गई। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा। प्रदर्शनकारी बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा और हाल ही में हुई एक हिंदू युवक की लिंचिंग के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे।

क्या है प्रदर्शन की मुख्य वजह : प्रदर्शनकारियों का मुख्य आक्रोश 18 दिसंबर को बांग्लादेश के मैमनसिंह में हुई दीपू चंद्र दास (25) की नृशंस हत्या को लेकर था। मामले में गारमेंट फैक्ट्री वर्कर दीपू पर ईशनिंदा का आरोप लगाकर भीड़ ने उसे पीटा, पेड़ से लटकाया और बाद में उसके शव को ढाका-मैमनसिंह हाईवे के पास आग के हवाले कर दिया। यहां पहुंचे प्रदर्शनकारी ने इस घटना के दोषियों पर कड़ी कार्रवाई और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के संरक्षण की मांग की है।