बांग्लादेश में निशाने पर हिंदू, साहित्यकारों और लेखकों का फूटा गुस्सा

Bangladesh-Violence

नई दिल्ली : बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के गठन के बाद भी हिन्दुओं पर हमले नहीं रुक रहे हैं. हर दिन किसी न किसी इलाके में हिंदुओं के साथ हिंसा हो रही है. देश विदेश में इसकी निंदा भी हुई है, लेकिन हमले बदस्तूर जारी है. इस कड़ी में अब साहित्यारों और लेखों ने हिंदुओं पर हो रही हिंसा के खिलाफ आवाज बुलंद किया है.

दर्जनों साहित्यकारों और लेखकों हिंसा के खिलाफ पत्र लिखा है. लेखकों ने कहा है चिट्ठी लिखने का मकसद है हिन्दुओं पर हो रहे हमले पर दुनिया का ध्यान आकृष्ट करना है. इसके अलावा लेखकों ने भारतीय संसद को भी पत्र लिखा है और इसपर संज्ञान लेने की अपील की है.

बता दें, बांग्लादेश में हिंसा का दौर पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है. कई इलाकों पर प्रदर्शनकारी अब हिन्दुओं को निशाना बना रहे हैं. कई जगहों पर मंदिरों को तोड़फोड़ की रिपोर्ट है. सोशल मीडिया पर तोड़फोड़ के वीडियो भी वायरल हुए है. हालांकि अंतरिम सरकार के गठन के बाद मोहम्मद यूनुस ने लोगों से शांत रहने की अपील की है, साथ ही हिंदुओं पर हो रहे हमले की कड़ी निंदा की है. हालांकि लगातार हो रहे हमले के खिलाफ बांग्लादेश में कुछ हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन भी शुरू किया है.

बांग्लादेश में इस्लामी चरमपंथियों की ओर से हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों को निशाना बनाए जाने के खिलाफ 300 से अधिक भारतीय-अमेरिकी और बांग्लादेशी मूल के हिंदू लोगों ने बीते दिन यानी रविवार को ह्यूस्टन के शुगर लैंड सिटी हॉल में एकत्र हुए. प्रदर्शनकारियों ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से अपील की कि वह बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार को रोकने और कमजोर समुदायों की रक्षा करने के लिए तत्काल एवं निर्णायक कदम उठाए. प्रदर्शन के आयोजकों ने बांग्लादेश में सभी धार्मिक अल्पसंख्यकों की तत्काल सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की और बाइडन प्रशासन से आग्रह किया कि वह मानवता के खिलाफ हो रहे इन जघन्य अपराधों के दौरान मूकदर्शक न बना रहे.

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