नई दिल्ली : नेपाल में जेन-जी के बैनर तले युवाओं का आंदोलन अब उग्र हो गया है. इंटरनेट मीडिया पर पाबंदी के बाद भी आंदोलन समाप्त होता नहीं दिख रहा है. नेपाल में उग्र प्रदर्शनों के बीच बिहार हाई अलर्ट पर है. बिहार के छह जिले जो नेपाल से सटे हैं वहां पुलिस के साथ-साथ सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं.
नेपाल से सटे बिहार के छह जिलों पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल और किशनगंज की अंतरराष्ट्रीय सीमा को सील कर दिया गया है. ये कदम बिहार पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर उठाया गया है. पर्यटकों की आवाजाही पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है. स्थानीय लोगों की भी गहन जांच-पड़ताल की जा रही है, उसको बाद ही उनको आने-जाने की इजाजत मिल रही है.
सीमा चौकियों और गांवों के आसपास चर रही गश्त : सीमा सुरक्षा बल यानी बीएसएफ, इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी), अन्य सुरक्षा एजेंसियां और असूचना इकाइयां गृह मंत्रालय के निर्देश पर अलर्ट पर रखी गई हैं. पुलिस मुख्यालय ने सीमावर्ती जिलों के जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को अलर्ट किया है. साथ ही उनको निर्देश दिया है कि वो पड़ोसी जिलों के साथ तालमेल बनाकर काम करें. पुलिस और एसएसबी की सीमा चौकियों और गांवों के आसपास गश्त चल रही है.
पुलिस और एएसएसबी के जवानों को दिया गया ये आदेश : सीमा क्षेत्र के आसपास नेपाल में जो भी घटनाएं हो रही हैं, उन पर खुफियां इकाइयों की कड़ी नजर है. पुलिस और एसएसबी के जवानों को आदेश दिया गया है कि वो किसी भी अप्रिय हालात से निपटने के लिए सतर्क रहें. सीमावर्ती जिलों के पुलिस अधीक्षकों से लगातार पुलिस मुख्यालय का कंट्रोल रूम रिपोर्ट ले रहा है. पुलिस अधिकारियों के अनुसार, कोई भारतीय नेपाल सीमा क्षेत्र में फंसा होगा तो उसको निकाला जाएगा.
एडीजी (विधि-व्यवस्था) पंकज कुमार दराद ने बताया कि जब तक नेपाल में हालात सामन्य नहीं हो जाते, तब तक अंतरराष्ट्रीय सीमा को सील कर दिया गया है. पर्यटकों के आने-जाने पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है.