बिहार : सीएम के काफिले ने फर्जी एंटी करप्शन पदाधिकारी को दबोचा

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वैशाली : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफिले ने एक फर्जी एंटी करप्शन पदाधिकारी को गिरफ्तार किया है। घटना वैशाली जिले के एनएच 22 पर स्थित पटेढ़ा सराय टोल टैक्स के पास की है। इस मामले में कार्यक्रम पदाधिकारी सिद्धार्थ शंकर सिन्हा ने वैशाली जिले के सराय थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है। पूछताछ के दौरान जब स्कॉर्पियो सवार से पूछताछ शुरू हुई, तो उसके जवाब को सुनकर पुलिस भी दंग रह गई। फिर जल्द ही सारा मामला सामने आ गया।

सराय थाना में दर्ज प्राथमिकी में बताया गया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पुनौरा धाम, सीतामढ़ी से वापस पटना लौट रहे थे। वीवीआईपी ड्यूटी में पटेढ़ा सराय टोल टैक्स पर कार्यक्रम पदाधिकारी सिद्धार्थ शंकर सिन्हा थे। इसी दौरान एक सफेद रंग की स्कॉर्पियो (रजिस्ट्रेशन नंबर BR 01PJ/4039) टोल प्लाजा के वीआईपी लेन में टोल टैक्स नहीं देने को लेकर टोल टेक्स कर्मी से बहस कर रहा था। 

इसी दौरान तब तक सीएम का काफिला पीछे से पहुँच गया। आननफानन में सुरक्षाकर्मियों ने स्कॉर्पियो सवार को पकड़ लिया और उसकी छानबीन की जाने लगी। छानबीन के दौरान उसके सारे कागजात जाली पाए गये, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर सराय थाना भेज दिया गया।

स्कॉर्पियो के शीशे पर पुलिस का लोगो लगा था और ‘एंटी करप्शन फाउंडेशन ऑफ इंडिया’ भी लिखा हुआ था। गाड़ी के आगे ‘एंटी करप्शन फाउंडेशन ऑफ इंडिया, डिस्ट्रिक्ट डायरेक्टर (पटना) बिहार, अंडर आईटीए एंड नीति आयोग (भारत सरकार)’ लिखा हुआ बोर्ड लगा था, और पीछे ‘भारत सरकार’ लिखा था।

इस संबंध में पुलिस का कहना है कि जब स्कॉर्पियो पर सवार व्यक्ति से पूछताछ की गई तो उसने अपना परिचय पटना जिले के खगौल थाना क्षेत्र अंतर्गत छोटी खगौल निवासी किशोर प्रसाद के पुत्र दीपक प्रसाद के रूप में अपनी पहचान बताई। उसने यह भी कहा कि वह एंटी करप्शन फाउंडेशन ऑफ इंडिया का सदस्य है, लेकिन इसके अलावा कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। 
ऐसा प्रतीत होता है कि दीपक प्रसाद द्वारा पुलिस के लोगो का फर्जी तरीके से दुरुपयोग किया जा रहा था। इसके बाद, दीपक प्रसाद और स्कॉर्पियो को आगे की कार्रवाई के लिए सराय थाना पुलिस के हवाले कर दिया गया। थानाध्यक्ष मणिभूषण ने बताया कि मामले की प्राथमिकी दर्ज कर जाँच-पड़ताल की जा रही है।