नवादा : बिहार के नवादा शहर में दीपावली को लेकर पूरा बाजार पटाखों की वेरायटी से गुलजार है. मुख्य दुकानों के साथ फुटपाथ पर भी दुकानें सजी हुई हैं. ग्रीन फुलझड़ी से लेकर रॉकेट व आवाज वाले बम, चकरघिन्नी भी ग्राहक को लुभा रहे हैं. क्षेत्र के कारोबारियों को सिर्फ दीपावली में लाखों की बिक्री का अनुमान है. हालांकि, प्रशासन भी अवैध पटाखों की बिक्री को लेकर काफी सख्त है. सदर एसडीओ ने अखिलेश कुमार ने कहा कि आतिशबाजी व पटाखों का उपयोग शाम छह बजे से 10 बजे रात के बीच ही किया जा सकता है.
आतिशबाजी पर रात 10 बजे से सुबह 06 बजे तक पूर्णतः रोक रहेगा. पटाखों का उपयोग अस्पताल, शिक्षण संस्थान, न्यायालय परिसर, धार्मिक स्थल अथवा प्रशासन द्वारा घोषित साइलेंस जोन में नहीं किया जा सकता है. जिला दंडाधिकारी द्वारा संबंधित पदाधिकारियों को सभी निर्देशों का अनुपालन सख्ती से करने का आदेश दिया गया है.
कारोबारियों का कहना है कि इस बार पटाखा बनाने वाली कंपनियों ने ज्यादातर ग्रीन पटाखें सप्लाइ की हैं. शुरुआती खरीदी में लोग इसे पसंद भी कर रहे हैं. इस दिवाली 40 प्रतिशत ग्रीन पटाखें फूटने का अनुमान है. प्रशासनिक सख्ती के बावजूद कारोबारी खरीद-बिक्री में पीछे नहीं हैं. पटाखों में इस बार भी काफी वेरायटी नयी और खास है. पिछले साल की अपेक्षा पटाखों का रेट महंगा हो गया है. बावजूद डिमांड व सप्लाइ में कोई खास असर नहीं है.
ग्रीन फुलझड़ी से लेकर रॉकेट, तेज आवाज वाले आलू बम भी हैं. सात सेंटीमीटर वाली चकरघिन्नी जिसे राधा चक्कर भी कहते हैं, वह पिछले साल 115 रुपये प्रति पैकेट बिकी था जो इस बार 40 रुपये प्रति पैकेट महंगी हो गयी है. कमांडो नामक मशहूर आलू बम भी पिछले साल 120 रुपये प्रति पैकेट की अपेक्षा 30 रुपये अधिक महंगा है.
दुकानदारों ने कहा कि पिछले साल के मुकाबले इस बार पटाखों पर लगभग 60 से 80 रुपये प्रति पैकेट की बढ़ोतरी हुई है. पटाखें बिक्रेता मुमताज आलम का कहना है कि एक अनुमान के मुताबिक प्रतिवर्ष सिर्फ दीपावली में एक करोड़ से अधिक के पटाखे का कारोबार होने की संभावना है.