Google Maps ने फिर दिया धोखा, बिहार से गोवा जा रहे परिवार को जंगल में फंसाया

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पटना : गूगल मैप से बढ़ने वाली परेशानियों में इजाफा होता जा रहा है. बिहार से गोवा जा रहे एक परिवार को गूगल मैप्स ने घने जंगलों में ले जाकर फंसा दिया. बिहार का एक परिवार गूगल मैप के सहारे गोवा जा रहा था लेकिन वो वेलगावी जिले के खानपुर तालुक में घने जंगलों में फंस गए. बात सिर्फ यहीं नहीं रुकी, उस परिवार को कार के अंदर ही पूरी राज गुजारनी भी पड़ी. हालांकि सुबह होने पर पुलिस ने उन्हें गांव वालों की मदद से बचा लिया.

खानपुर के पुलिस निरीक्षक मंजूनाथ नायक ने कहा कि बच्चों समेत छह-सात लोगों का परिवार जंगल के अंदर लगभग 8 किलोमीटर दूर फंसा हुआ था. उन्होंने कहा,’बिहार के राजदास रंजीतदास के नेतृत्व में परिवार गोवा की यात्रा के लिए गूगल मैप्स का सहारा ले रहा था. खानपुर शहर से गुजरने के बाद मैप ने उन्हें शिरोडागा और हेमदागा गांवों के बीच एक रास्ता दिखाया, जो उन्हें गुरुवार को भीमगढ़ वन्यजीव क्षेत्र में 7 किलोमीटर की दूरी पर ले गया. इलाके में कोई मोबाइल नेटवर्क नहीं होने की वजह से परिवार ने रात कार में ही बिताई. इस दौरान ये लोग किसी से भी मदद नहीं मांग सकते थे.

उन्होंने कहा,’परिवार को यह नहीं पता था कि जंगल से कैसे बाहर निकलना है, इसलिए उन्होंने पूरी रात वन्यजीवों से घिरी अपनी बंद कार में बिताई. अगली सुबह परिवार ने लगभग 3km तक अपना रास्ता फिर से तय किया, जहां उन्हें मोबाइल नेटवर्क कवरेज फिर से मिल गया. उन्होंने तुरंत पुलिस हेल्पलाइन पर कॉल करके पुलिस को अपनी हालत के बारे में बताया.उन्होंने कहा,’बेलगावी पुलिस कंट्रोल रूम ने खानपुर पुलिस को सूचना दी, जिन्होंने जीपीएस का इस्तेमाल करके परिवार का पता लगाया और ग्रामीणों की मदद से उन तक पहुंचे.’

इंस्पेक्टर नायक ने कहा कि परिवार भाग्यशाली था कि वे एक ऐसी जगह पर फंसे हुए थे जहां उन्हें थोड़ी दूरी पर ही मोबाइल सिग्नल मिल गया, क्योंकि यह वन क्षेत्र अपने वन्यजीवों के लिए जाना जाता है और हाल ही में, उसी इलाके में एक किसान पर भालू ने हमला कर दिया. इस हमले में भालू किसान के पैर का एक हिस्सा खा गया था.

बता दें कि गूगल मैप्स की वजह से होने यह पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी कई ऐसी खबरें आ चुकी हैं. 24 नवंबर को उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में तीन लोगों की मौत भी गूगल मैप की वजह से हुई थी. यहां गूगल मैप्स के निर्देशों का पालन करते हुए उनकी कार एक अधूरे बने पुल से रामगंगा नदी में गिर गई थी.