नई दिल्ली : देश की राजधानी में वायु प्रदूषण के समस्या के बीच समाजवादी पार्टी के नेता आरके चौधरी ने विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जब दाह संस्कार के लिए शवों को जलाया जाता है, तो उसे कार्बन डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड गैस निकलती है। इसकी वजह से वातावरण में ऑक्सीजन कम हो जाती है।
यहां तक कि होलिका दहन के दौरान भी ऐसा होता है। उससे CO2 और कार्बन मोनोऑक्साइड गैस निकलती है। एयर पॉल्यूशन को लेकर हमारा देश गंभीर नहीं है। यह धर्म का मुद्दा नहीं, बल्कि पर्यावरण का मामला है।
सपा सांसद आरके चौधरी ने कहा कि अपने देश में लोग पर्यावरण को लेकर सीरियस नहीं है। होलिका दहन पर करोड़ों जगह एक साथ होलिका दहन होता है। इससे वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड घुलती है। अगर ये चीजें पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही हैं तो दूसरे तरीकों के बारे में सोचना चाहिए। बॉडी को लकड़ी पर जलाने के बजाय और भी तरीके हैं।
गौरतलब है कि सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी प्रदूषण को लेकर BJP सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने एक्स पर किए पोस्ट में लिखा, ‘दिल्ली का प्रदूषण अब लखनऊ तक पहुंच गया है। इसीलिए लखनऊ में आयोजित होने वाला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच नहीं हो पा रहा है। दरअसल इसकी वजह कोहरा या फॉग नहीं, स्मॉग है। हमने जो पार्क लखनऊ की शुद्ध हवा के लिए बनवाए थे, BJP सरकार वहां भी इंवेटबाजी करवाकर उन्हें बर्बाद करना चाहती है। भाजपाई न इंसान के सगे हैं, न पर्यावरण के। मुंह ढक लीजिए कि आप लखनऊ में हैं।’
जान लें कि दिल्ली में आज (गुरुवार को) 358 दर्ज किया गया जो बहुत खराब श्रेणी में आता है। सीपीसीबी के अनुसार, 0 से 50 के बीच का AQI अच्छा, 51 से 100 संतोषजनक, 101 से 200 मध्यम, 201 से 300 खराब, 301 से 400 बहुत खराब और 401 से 500 गंभीर माना जाता है।
