भराड़ी : प्यार की कोई सीमा नहीं होती न देश की, न भाषा की, न संस्कृति की। इसका जीता-जागता उदाहरण बिलासपुर जिले के भराड़ी उपतहसील के तहत आने वाले देहरा गांव का युवक शीतल चड्ढा और फिलीपींस की युवती मैरीजेन हैं। दोनों ने शुक्रवार को हिंदू रीति-रिवाजों के तहत सात फेरे लेकर जीवनभर साथ निभाने का वचन लिया। शादी देहरा गांव में पारंपरिक माहौल में संपन्न हुई, जिसमें परिवारजन और रिश्तेदारों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
देहरा गांव के रहने वाले शीतल चड्ढा वर्तमान में अमेरिका के न्यूयॉर्क में एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं। इससे पहले वह सऊदी अरब में नौकरी करते थे। वहीं उनकी मुलाकात फिलीपींस की रहने वाली मैरीजेन से हुई, जो उस समय एक अस्पताल में नर्स के पद पर कार्यरत थी। यह मुलाकात धीरे-धीरे दोस्ती और फिर प्रेम में बदल गई। दोनों ने करीब छह वर्ष तक एक-दूसरे को समझने के बाद शादी का निर्णय लिया।
शीतल चड्ढा ने बताया कि मैरीजेन का स्वभाव बेहद मिलनसार और भारतीय संस्कृति के प्रति सम्मानजनक है। उन्होंने सऊदी अरब की नौकरी छोड़ दी है और अब अपने पति के साथ भारत में देहरा गांव में ही रहेंगी। शादी समारोह के दौरान मैरीजेन ने पारंपरिक भारतीय परिधान पहनकर सभी का दिल जीत लिया। विवाह की सभी रस्में विधिवत रूप से निभाई गईं हल्दी, मेहंदी और फेरे तक हर कार्यक्रम में गांव के लोगों ने भाग लिया।
स्थानीय लोगों ने इस अनोखे विवाह का स्वागत करते हुए कहा कि यह प्यार और आपसी विश्वास की मिसाल है। गांव में इस शादी की चर्चा खूब हो रही है, क्योंकि यह न केवल दो संस्कृतियों का मिलन है बल्कि यह दिखाता है कि सच्चे रिश्ते सीमाओं से परे होते हैं। शीतल और मैरीजेन ने विवाह के बाद कहा कि वे भविष्य में भारत और फिलीपींस की संस्कृति के बीच सेतु का काम करना चाहते हैं।
