नई दिल्ली : दमन, दीव और दादरा एवं नगर हवेली में हुए स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा ने सभी प्रमुख स्थानीय निकायों में भारी बहुमत हासिल करते हुए क्लीन स्वीप किया है। दमन जिला पंचायत की 16 में से 15 सीटें, नगर परिषद की 15 में से 14 सीटें और सरपंच के 16 में से 15 पद भाजपा ने जीते। दीव जिले में, भाजपा ने जिला पंचायत की सभी 8 सीटें जीतकर शानदार जीत हासिल की। दादरा एवं नगर हवेली जिले में, पार्टी ने अपना दबदबा कायम रखते हुए जिला पंचायत की 26 में से 24 सीटें और नगर परिषद की सभी 15 सीटें जीतीं।
स्थानीय निकाय चुनाव में भी भाजपा को मिली जीत से पहले कांग्रेस ने केंद्र शासित प्रदेश दादर और नगर हवेली तथा दमन और दीव में गलत तरीके से जीतने का आरोप लगाया है। दरअसल, बीजेपी ने कुल 122 सीटों में से 91 सीटें यानी क़रीब 75% बिना किसी विरोध के जीत लीं थी। इसके पीछे की वजह ये थी कि इन सीटों पर बीजेपी के ख़िलाफ़ कोई उम्मीदवार ही नहीं था। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि ऐसा इसलिए हुए क्योंकि कांग्रेस के उम्मीदवारों के नामांकन फॉर्म खारिज कर दिए गए। कांग्रेस ने बीजेपी पर नामांकन फॉर्मों को रद्द किए जाने का आरोप लगाते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
प्रधानमंत्री मोदी ने पोस्ट किया: “दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव के मेरे भाइयों और बहनों का आभार, जिन्होंने पूरे केंद्र शासित प्रदेश में सरपंच, जिला पंचायत और पार्षद चुनावों में भाजपा को अभूतपूर्व समर्थन दिया। यह हमारी पार्टी के विकास एजेंडे के साथ केंद्र शासित प्रदेश के मज़बूत जुड़ाव को दर्शाता है। मैं ज़मीनी स्तर पर अपने मेहनती कार्यकर्ताओं के प्रयासों की सराहना करता हूँ।”
केंद्र शासित प्रदेश में कुल 48 जिला पंचायत सीटें हैं, जिनमें से भाजपा ने 35 सीटें बिना विरोध के जीत लीं थीं। बता दें कि पांच साल पहले सीटों की यह संख्या केवल नौ थी। इसी तरह, 44 ग्राम पंचायत सीटों में से 30 और 30 नगरपालिका सीटों में से 26 सीटें भाजपा ने बिना विरोध के हासिल की थीं।
