चंद्रग्रहण 2025 में दुनियाभर में दिखा ‘ब्लड मून’, 3 घंटे से अधिक रही चांद पर धरती की छाया

Blood-moon

नई दिल्ली : खगोलीय घटनाओं को वैज्ञानिक नजरिए से देखने-समझने का अभ्यास करने वाले लोगों के लिए चंद्र ग्रहण धर्म से इतर भी गूढ़ अर्थ रखता है। आज साल 2025 के अंतिम चंद्र ग्रहण के दौरान देशभर में ‘ब्लड मून’ देखा गया। लगभग तीन साढ़े घंटे से अधिक समय तक चांद पर धरती की छाया पड़ती रही। 

चंद्रग्रहण की पूरी अवधि में पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच रही और चांद पर सूर्य का प्रकाश सीधे नहीं पड़ा। देशभर से इस खगोलीय घटना की तस्वीरें सामने आई हैं। दिल्ली-एनसीआर, लखनऊ, गुवाहाटी, तिरुवनंतपुरम और चेन्नई जैसे शहरों से चांद और ‘ब्लड मून’ की अलग-अलग छवियां सामने आईं। 

खबरों के मुताबिक दुनिया के लगभग 77 फीसदी हिस्से में चंद्रग्रहण देखा गया। भारत समेत ब्रिटेन, फ्रांस, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये जैसे देशों में भी चंद्रग्रहण देखा गया। लाखों खगोल विज्ञान प्रेमियों ने चांद पर पड़ती धरती की छाया को देखा और सौरमंडल की अनोखी घटना के साक्षी बने।

भारत में करीब साढ़े तीन घंटे बाद चांद धरती की छाया से मुक्त हुआ। वहीं थाईलैंड, चीन, हांगकांग, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में लोगों ने टेलिस्कोप और अन्य वैज्ञानिक उपकरणों की मदद से चांद को कई मिनटों तक निहारते रहे।

वैज्ञानिकों के मुताबिक एशिया और ऑस्ट्रेलिया से देखने वालों के लिए यह सबसे अच्छा अनुभव रहा होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि चंद्र ग्रहण चंद्रमा के पेरिगी पर पहुंचने से ठीक 2.7 दिन पहले होने के कारण खास रहा। इस कारण चांद अपने सामान्य आकार से थोड़ा बड़ा दिखाई दिया। पेरिगी कक्षा की उस बिंदु को कहते हैं जहां पहुंचने के बाद चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब आ जाता है।

खगोल विज्ञान के जानकारों के मुताबिक यूरोप और अफ्रीका में चंद्रोदय के समय चंद्र ग्रहण देखा गया। इस दौरान क्षितिज का अद्भुत दृश्य दिखाई दिया। फोटोग्राफी के शौकीन लोगों के लिए ये अवसर बेहद खास साबित हुआ।

वैज्ञानिकों का मानना है कि चंद्रग्रहण देखना सुरक्षित होता है। इसके लिए किसी विशेष चश्मे, फिल्टर या किसी अन्य उपकरण की जरूरत नहीं होती। हालांकि, कई जगहों पर बारीकियों को समझने के लिए उपकरणों की मदद ली जाती है।

चीन के शंघाई शहर में भी जनता चंद्रग्रहण और ब्लड मून का नजारा देखने किए उत्साहित रही। यूक्रेन को ओडेसा समुद्र तट पर, पश्चिमी एशियाई देश कुवैत, यूरोपीय देश जर्मनी के बर्लिन, इराक की राजधानी बगदाद और दक्षिण अफ्रीकी शहर जोहान्सबर्ग में भी लोगों ने ब्लड मून और चंद्र ग्रहण 2025 का जमकर लुल्फ उठाया।