ब्रिटेन : लेबर पार्टी के कीर स्टार्मर बने प्रधानमंत्री, कश्मीर पर रुख बदला; चीन के खिलाफ सख्ती

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नई दिल्ली-NewsXpoz : ब्रिटेन में 14 साल बाद कंजर्वेटिव पार्टी की करारी हार पर ऋषि सुनक ने इस्तीफा दे दिया है। प्रतिद्वंद्वी लेबर पार्टी के नेता कीर स्टार्मर ने प्रधानमंत्री का कार्यभार संभाल लिया है। ये वही नेता हैं जिन्होंने कश्मीर मुद्दे पर अपनी लेबर पार्टी का रुख बदला और माना कि भारत-पाकिस्तान को वार्ता के जरिये ही यह मुद्दा हल करना चाहिए। उनसे पहले जेरेमी कॉर्बिन के नेतृत्व में लेबर पार्टी ने भारत सरकार द्वारा कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने पर अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों द्वारा कश्मीरियों के आत्मनिर्णय के अधिकार की पैरवी का प्रस्ताव पारित किया था।

2019 में कॉर्बिन के रुख से प्रवासी भारतीयों में काफी नाराजगी थी, लेकिन स्टार्मर ने भारतवंशियों को साधा और जीत की बुनियाद रखी। स्टार्मर ने भारतीय प्रवासियों के साथ बैठकों में इस बात पर जोर दिया कि कश्मीर भारत का आंतरिक मुद्दा है और इसे दोनों पड़ोसी ही हल करेंगे। उनकी पार्टी ने 650 सीटों वाले हाउस ऑफ कॉमन्स में 412 सीटें जीतकर बहुमत पा लिया। पूर्व पीएम ऋषि सुनक पार्टी को बहुमत के लिए जरूरी 326 सीटें नहीं जिता सके। उनकी पार्टी को 118 सीटें ही मिलीं।

चुनावी जीत को स्टार्मर (61) ने बड़ा परिवर्तन बताया। उन्होंने 14 साल के कंजर्वेटिव शासन के बाद ‘राष्ट्रीय नवीनीकरण’ का वादा करते हुए कहा, काम तुरंत शुरू होगा। हालांकि, सुनक ने 23,059 वोटों के साथ उत्तरी इंग्लैंड में अपनी सीट जीत ली है। उन्होंने पार्टी की हार स्वीकारते हुए कहा, मेरे गंभीर फैसलों के चलते पार्टी को हुई नुकसान की जिम्मेदारी भी मेरी ही है, लेकिन मैं सेवा जारी रखूंगा। उन्होंने कहा, लेबर पार्टी ने आम चुनाव जीता है, मैं सर कीर स्टार्मर को बधाई देता हूं। उनके साथ पत्नी अक्षता मूर्ति भी शामिल थीं।

भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी के पक्षधर हैं स्टार्मर : स्टार्मर भारत के साथ नये सिरे से रणनीतिक साझेदारी के पक्षधर हैं। उन्होंने भारतीय मूल के लोगों के साथ लेबर पार्टी के संबंधों में सकारात्मक बदलाव की वकालत की है। उन्होंने अपनी पार्टी को मजबूत जनादेश मिलने पर भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के साथ-साथ वैश्विक सुरक्षा, शिक्षा, प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में साझेदारी बढ़ाने का संकल्प जताया था। लेबर पार्टी के चुनावी घोषणापत्र में भी इसे शामिल किया गया था। स्टार्मर ब्रिटिश भारतीयों के साथ अपनी पार्टी के रिश्ते को नये सिरे से आकार देने की कोशिश कर रहे हैं, जो पूर्व नेता जेरेमी कॉर्बिन के समय कश्मीर पर भारत विरोधी रुख को लेकर प्रभावित हुए थे। स्टार्मर ने पिछले साल इंडिया ग्लोबल फोरम में कहा था, मेरी लेबर पार्टी की सरकार भारत के साथ लोकतंत्र और आकांक्षा के हमारे साझा मूल्यों पर आधारित संबंध तलाशेगी।

हिंदुओं के खिलाफ नफरत के लिए जगह नहीं : स्टार्मर ने प्रचार के दौरान उत्तरी लंदन में श्री स्वामीनारायण मंदिर यात्रा पर कहा था कि ब्रिटेन में हिंदुओं के खिलाफ नफरत के लिए कोई जगह नहीं है। इस संदेश को वह बीते कुछ वर्षों से दिवाली और होली के उत्सवों के दौरान दोहराते रहे हैं। पार्टी के इसी रुख ने उसे सत्तारूढ़ करने में अहम भूमिका निभाई है।

चीन के खिलाफ सख्त रवैये का संदेश : स्टार्मर की बड़ी चुनौती चीन नीति की दिशा तय करने की है। उन्होंने पिछले साल व्यापार, वाणिज्य और प्रौद्योगिकी पर चीन से दूर रहने का संदेश दिया था।

अमेरिका संग तनावपूर्ण संबंधों को सुधारने की चुनौती : ब्रिटेन का अमेरिका के साथ तथाकथित विशेष संबंध हाल के वर्षों में तनावपूर्ण हो गया है। स्टार्मर को इससे निपटने की बड़ी चुनौती होगी।

पीएमओ में छठा प्रधानमंत्री देखेगी बिल्ली लैरी : ब्रिटेन के आम चुनाव में ‘लैरी द कैट’ की भी खूब चर्चा है। लैरी 16 साल की एक बिल्ली है। वह ब्रिटेन के प्रधानमंत्री आवास 10 डाउनिंग स्ट्रीट में रहती है। उसे ‘चीफ माउसर टू द कैबिनेट’ का दर्जा मिला हुआ है। उसे 2011 में यह पदवी मिली थी। वह 2011 से ही प्रधानमंत्री आवास पर रहती है। ‘लैरी द कैट’ को डेविड कैमरून में कार्यकाल में प्रधानमंत्री आवास में लाया गया था। उसे कैमरून ने एक नौकरशाह का दर्जा दिया था। लैरी का मुख्य काम प्रधानमंत्री आवास पर चूहे पकड़ना है। लैरी लगातार प्रधानमंत्री आवास और उसके आसपास घूमा करती है। उसके यहां रहते हुए प्रधानमंत्री आवास में पांच प्रधानमंत्री और उनके परिवार रहने आ चुके हैं। अब स्टार्मर के रूप में वह छठा प्रधानमंत्री देखेगी।

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