बक्सर-NewsXpoz : बिहार के बक्सर में रेल पटरी मेंटेनेंस के दौरान सात ट्रैकमैन गंभीर रूप से घायल हो गए। आननफानन में उन्हें डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती किया गया। घटना डुमरांव स्टेशन के पश्चिमी रेल फाटक से पोल संख्या 645/34 के समीप की है। जख्मी श्रमिकों में ब्रह्मपुर के धनछपरा निवासी सत्येंद्र कुमार (38) को गंभीर चोटे आई हैं। घायल कर्मियों में बरूना निवासी संतोष कुमार, बख्तियारपुर निवासी अशोक राम, लालगंज मठिया निवासी प्रेम राम, गौरा निवासी भोदा खरवार, कुशालपुर निवासी श्रीभगवान यादव और मुंगाव निवासी मुन्ना यादव शामिल हैं।
ट्रैक डिस्टेंसिंग का चल रहा था काम : घटना के संबंध में ट्रैक मैन का कहना है कि डीडीयू पटना रेलखंड के डुमरांव स्टेशन के समीप ट्रैक डिस्टेंसिंग का काम चल रहा था। इस वजह से 90 मिनट का डाउन लाइन पर ब्लॉक लिया गया था। मेंटेनेंस कार्य में बक्सर सेक्शन के डुमरांव, बक्सर और बरूना के ट्रैकमैन मुस्तैदी से जुटे हुए थे। पोल संख्या 645/34 के समीप 12 मीटर तक ट्रैक को काटा जाना था ताकि तापमान के कारण जब पटरियां फैले तो रेल खिसके नहीं। पटरियों को काटने के लिए 12 मीटर तक रेल (पटरी) की फिश प्लेट्स खोल ली गई थी। जैसे ही पटरी के दोनों छोरों की कटिंग की गई, कटा हुआ 12 मीटर के पटरी का टुकड़ा बाहरी सतह की तरफ उछला, जिससे 7 ट्रैकमैन चोटिल हो गए। आनन-फानन में जख्मी रेल कर्मचारियों को जैसे-तैसे एक निजी अस्पताल में ले जाया गया, जहां उनका प्राथमिक उपचार किया गया। फिर गंभीर कर्मियों को अनुमंडलीय अस्पताल रेफर कर दिया गया।
कर्मचारियों ने सेक्शन इंचार्ज पर लगाया लापरवाही का आरोप : घटना के बाद जख्मी रेल कर्मचारियों ने सेक्शन इंचार्ज प्रमोद कुमार पर कई आरोप लगाए हैं। रेल कर्मचारियों का कहना था कि सेक्शन इंचार्ज की खामियों के कारण ही घटना हुई है। उन्होंने फिश प्लेट की सभी चाभियां खुलवा दी और बाहर रहने के लिए बोला, जबकि बाहरी सतह पर ही कटी हुई पटरी उछल गई, जिसके कारण यह हादसा हो गया। रेल कर्मचारियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि सेक्शन इंचार्ज कर्मचारियों पर काम का इतना दबाव बनाते हैं कि हम सभी उनके रवैये से असंतुष्ट है। काम के प्रति भी हमें दबाव दिया जाता है, और सस्पेंशन की भी धमकी दी जाती है।
उन्होंने आरोप लगाया कि घटना के दरम्यान वहां रेलवे का एक भी वाहन मौजूद नहीं था। जख्मी साथियों को हम सभी ने जैसे तैसे अस्पताल लाया है। वहीं अपने ऊपर लगे आरोपों को सेक्शन इंचार्ज प्रमोद कुमार ने बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा कि हड़बड़ी नहीं लेकिन जितने समय तक का ब्लॉक लिया जाता है उतने समय में काम पूरा हर हाल में हो, इसकी जिम्मेदारी होती है। ऐसे में ससमय काम को पूरा करने का निर्देश ट्रैकमैन को दिया जाता है। यह घटना महज एक दुर्भाग्य है। जख्मियों को ससमय उपचार के लिए भेज दिया गया है।
नहीं बाधित हुई उस रूट की ट्रेनें : रेल कर्मचारियों ने बताया कि घटना का असर रेल यातायात और ट्रेनों पर नहीं पड़ा। ब्लॉक के लिए निर्धारित समय 14:55 के बाद डाउन लाइन क्लियर हो गया था। पहली ट्रेन 15:04 में सिकंदराबाद दानापुर स्पेशल ट्रेन आरा की तरफ रवाना हुई। हालांकि ट्रेनों का परिचालन कॉशन पर कराया जा रहा था।