ब्रेंटन : कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में श्रद्धालुओं पर कथित खालिस्तानी समर्थकों ने हमला किया। जिस समय वारदात को अंजाम दिया गया उस समय परिसर में महिलाएं-बच्चे भी मौजूद थे। खबरों के मुताबिक मंदिर में मौजूद महिलाओं और बच्चों पर भी हमला हुआ है। इस घटना से भारत-कनाडा संबंधों में तनाव और बढ़ सकता है। हालात तनावपूर्ण होने के बाद स्थानीय पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षाबलों को तैनात किया। पुलिस ने आश्वस्त किया है कि किसी भी तरह की हिंसा को रोकने के लिए पर्याप्त सुरक्षा बंदोबस्त किए गए हैं।
इस घटना के बाद प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस हिंसा की निंदा की। उन्होंने हिंसक वारदात को अस्वीकार्य बताया और कहा कि सभी कनाडाई नागरिकों को सुरक्षित तरीके से अपनी आस्था का पालन करने का अधिकार है। प्रधानमंत्री के अलावा कनाडा की संसद में विपक्षी नेता पियरे पोलीएवर, सांसद केविन वूंग और चंद्रा आर्य ने भी घटना की निंदा की। उन्होंने इस घटना को अस्वीकार्य और खतरनाक चरमपंथ बताया।
सांसद चंद्रा आर्य ने ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर में खालिस्तानी चरमपंथियों के हमले को ‘लाल रेखा पार करने’ वाला कृत्य बताया। हिंदू-समुदाय पर हुए हमले की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि खालिस्तानी उग्रवाद कनाडा में हिंसक रूप ले चुका है। स्वतंत्रता के नाम पर ऐसे तत्वों को ‘मुक्ति’ मिल रही है। आर्य ने हिंदू-कनाडाई समुदाय से अपनी सुरक्षा के लिए आवाज उठाने और ऐसी घटनाओं के लिए नेताओं को जवाबदेह ठहराने की अपील भी की।
ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर में खालिस्तानी चरमपंथियों के हमले की कड़ी निंदा करते हुए कनाडाई संसद में विपक्ष के नेता पियरे पोलीएवर ने इस घटना को ‘पूरी तरह अस्वीकार्य’ बताया। उन्होंने कहा कि सभी कनाडाई नागरिकों के लिए शांति से अपने धर्म का पालन करने का अधिकार जरूरी है। टोरंटो के सांसद केविन वूंग ने भी इस घटना की निंदा की। उन्होंने ब्रैम्पटन की घटना को कनाडा में चरमपंथियों को कथित तौर पर मिल रहे ‘सुरक्षित ठिकाने’ से जोड़ा। हिंदू कनाडाई फाउंडेशन ने हमले का वीडियो साझा करते हुए कहा कि मंदिर में मौजूद बच्चों और महिलाओं पर भी हमला किया गया।