नई दिल्ली : इंडिगो संकट को लेकर सरकार अब सख्त नजर आ रही है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इस संकट से निपटने के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सरकार की ओर से इंडिगो को यात्रियों का पैसा तुरंत वापस करने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही सरकार ने दूसरी एयरलाइन के किराये में हुए बेहताशा बढ़ोतरी पर भी लगाम लगा दी। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सभी प्रभावित रूट्स पर सही और वाजिब किराया सुनिश्चित करने के लिए अपनी रेगुलेटरी पावर का इस्तेमाल किया है। सरकार ने एयरलाइन से कहा कि वह तय हवाई किराए से ज्यादा ना लें। सरकार ने हवाई किराया फिक्स कर दिया है।
घरेलू शेड्यूल्ड एयरलाइंस यात्रियों से नीचे बताई गई सीमा से अधिक किराया नहीं वसूल सकती हैं।
- 500 किमी तक की दूरी: अधिकतम किराया 7500 रुपये
- 500-1000 किमी की दूरी: अधिकतम किराया 12000 रुपये
- 1000-1500 किमी की दूरी: अधिकतम किराया 15000 रुपये
सरकार ने इंडिगो से रद्द उड़ानों के लिए रिफंड प्रक्रिया रविवार शाम तक पूरी करने को कहा : इंडिगो की उड़ान बाधित होने से हजारों यात्रियों के प्रभावित होने के बीच नागर विमानन मंत्रालय ने शनिवार को एयरलाइन को निर्देश दिया कि रद्द की गई उड़ानों के लिए टिकट के रिफंड की प्रक्रिया रविवार शाम तक पूरी कर ली जाए। सरकार ने साथ ही यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि यात्रियों के छूटे हुए सामानों को अगले दो दिनों में उन तक पहुंचा दिया जाए।
इसके अलावा, एयरलाइन को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि जिन यात्रियों का ट्रैवल प्लान रद्द या प्रभावित हुआ है, उनसे कोई रिशेड्यूलिंग चार्जेस न लिए जाएं। मंत्रालय ने साफ किया कि रिफंड प्रक्रिया में किसी भी तरह की देरी या नियमों का पालन न करने पर तुरंत नियामक कार्रवाई की जाएगी।
मंत्रालय ने यह भी निर्देश दिया कि इंडिगो द्वारा रद्द या देरी की गई उड़ानों के यात्रियों के सामान को ट्रेस किया जाए और इसे 48 घंटों के भीतर उनके पते पर भेजा जाए। जरूरत पड़ने पर मौजूदा यात्री अधिकार नियमों के तहत मुआवजा देने की भी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
यात्रियों की सुविधा और शिकायत निवारण को सुनिश्चित करने के लिए मंत्रालय ने इंडिगो को निर्देश दिया कि वह डेडिकेटेड पैसेंजर सपोर्ट और रिफंड फैसिलिटेशन सेल्स स्थापित करें। इन सेल्स का काम होगा प्रभावित यात्रियों से संपर्क करना और यह सुनिश्चित करना कि वे रिफंड और अन्य ट्रैवल अरेंजमेंट्स के लिए बार-बार फॉलो-अप करने की जरूरत न महसूस करें। मंत्रालय ने कहा कि परिचालन पूरी तरह से स्थिर होने तक ऑटोमेटिक रिफंड सिस्टम सक्रिय रहेगा।
