चंडीगढ़ : खनौरी और शंभू सीमा से एक साल बाद हटाए आंदोलनकारी किसान

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पटियाला : एक साल से ज्यादा समय से पंजाब हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन 2.0 पर बुधवार रात पुलिस ने पूरी योजना के साथ बड़ा एक्शन किया। भारी पुलिस फोर्स ने दोनों बॉर्डरों से किसानों को हिरासत में ले लिया। इस दौरान जिन किसानों ने पुलिसिया एक्शन का विरोध किया, उन्हें जबरन बसों में बिठाया गया।

साथ ही बॉर्डरों पर किसानों द्वारा बनाई स्टेज, अस्थायी घरों को भी ढहा दिया गया। किसानों की ट्रैक्टर-ट्रालियों को भी बॉर्डरों से हटा दिया गया। शंभू और खनौरी मोर्चे से महिलाओं को वाहनों से उनके घरों के लिए रवाना किया गया। कई किसान खुद ही मोर्चे से घरों के लिए निकल लिए। क्रेन और जेसीबी से किसानों के पक्के कब्जे तोड़े जा रहे हैं। अब बृहस्पतिवार से राजमार्ग शुरू हो जाएगा।

बुधवार सुबह से ही पुलिस के इस एक्शन के संकेत मिल रहे थे, क्योंकि बॉर्डरों के नजदीक बड़ी संख्या में पुलिस तैनात कर दी गई थी और बसें, एंबुलेंस, ट्रैक्टर व राइट कंट्रोल व्हीकल तैनात कर दिए गए थे।

पुलिस ने पूरी प्लानिंग के साथ यह एक्शन किया है। जगजीत सिंह डल्लेवाल, सरवन सिंह पंधेर, काका सिंह कोटड़ा, अभिमन्यु कोहाड़, मनजीत सिंह राय, सुखजीत सिंह हरदोझंडे समेत सभी बड़े किसान नेता बुधवार सुबह से चंडीगढ़ में केंद्र के साथ बैठक के लिए गए थे। पुलिस ने पहले बैठक से बॉर्डरों की तरफ वापस जाते किसान नेताओं को हिरासत में लिया।

इसके बाद भारी पुलिस बल ने दोनों मोर्चों का रूख किया। क्योंकि सरकार व पुलिस प्रशासन भी जानता था कि अपने नेताओं की गैरहाजिरी में किसान कोई ज्यादा विरोध नहीं कर सकेंगे। किसानों को गाइड करने वाला कोई नहीं होगा। 
ऊपर से सरकार के पास जानकारी भी थी कि बॉर्डरों पर किसानों की ज्यादा गिनती नहीं है। जिस समय पुलिस ने खनौरी बॉर्डर पर एक्शन किया, उस समय वहां केवल 200 के करीब किसान ही मौजूद थे, जबकि पुलिस बल की गिनती 3000 के करीब थी। इतने बड़े पुलिस बल के आगे किसानों की एक नहीं चली।

पुलिस ने दोनों बॉर्डरों पर कार्रवाई करते हुए किसानों को बसों में बिठा लिया गया। जिन्होंने विरोध किया, उनके खिलाफ पुलिस ने बल का प्रयोग करते जबरन उठाकर बसों में डाल दिया। इसके बाद पुलिस ने मंच से लेकर किसानों द्वारा बनाए अस्थायी घरों व अन्य निर्माणों को बार्डर से हटा दिया। इसी तरह की कार्रवाई शंभू बॉर्डर पर की गई।

इस मौके पर पटियाला रेंज के डीआईजी मनदीप सिंह सिद्धू ने साफ शब्दों में कहा कि पुलिस को आदेश मिले हैं, जिसके मुताबिक बॉर्डरों को पूरी तरह से खाली कराया जा रहा है। क्योंकि इन बॉर्डरों के बंद होने से पंजाब के व्यापारियों, ट्रांसपोर्टरों के साथ-साथ आम लोगों को काफी दिक्कतें हो रही है। पंजाब का व्यापार खत्म हो रहा है। ऐसे में पुलिस प्रशासन की कार्रवाई के बीच आने वाले किसी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।

केंद्र के साथ बैठक के बाद बार्डरों को वापस लौटते समय गिरफ्तार किए किसान नेताओं को पटियाला लाया गया है। जहां पर डल्लेवाल को छोड़कर बाकी किसान नेताओं को पटियाला के नजदीक बहादुरगढ़ स्थित कमांडो पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में बनाए अस्थायी हिरासत केंद्र में रखा गया है।