‘असम के लिए कलंक…छोड़ सकते हैं देश’, सीएम हिमंत का गौरव गोगोई पर हमला

Cm-Himanta

गुवाहाटी : ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में हुई बहस के बाद असम की राजनीति में बड़ा सियासी घमासान खड़ा हो गया है। राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई पर बिना नाम लिए गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि जोरहाट से हमारे सांसद का संसद में दिया गया भाषण यह साबित करने के लिए काफी है कि वह पाकिस्तान की ओर से बोलते हैं। उनकी गुप्त यात्रा और पाकिस्तानी सत्ता प्रतिष्ठान से करीबी संबंध बहुत कुछ बताते हैं।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि कल संसद में जोरहाट से हमारे सांसद द्वारा दिए गए भाषण से यह बात बिना किसी संदेह के साबित हो गई कि वह पाकिस्तान की ओर से काम कर रहे हैं। उनकी गुप्त यात्रा और पाकिस्तानी प्रतिष्ठान के साथ घनिष्ठ संबंध बहुत कुछ बयां करते हैं। उनकी पत्नी और दोनों बच्चों के पास विदेशी नागरिकता होने के कारण, वह कभी भी भारत छोड़ सकते हैं। वह असम के लिए कलंक हैं और एक गौरवान्वित भारतीय के रूप में हमारे गौरव के साथ विश्वासघात हैं।

लोकसभा में कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने मोदी सरकार से पूछा कि पहलगाम जैसे हाई-सिक्योरिटी इलाके में आतंकी कैसे घुस आए। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कई बातें बताईं, लेकिन यह नहीं बताया कि हमले के 100 दिन बाद भी पांचों आतंकी क्यों नहीं पकड़े गए। गोगोई ने रक्षा तैयारी और खुफिया विफलता पर भी सवाल उठाए।

गोगोई ने राफेल जैसे विमानों के नुकसान पर सवाल करते हुए पूछा था कि राजनाथ सिंह जी से जानना चाहते हैं कि हमारे कितने लड़ाकू विमान गिरे। यह सिर्फ जनता नहीं, बल्कि जवानों के लिए भी जानना जरूरी है, क्योंकि उनसे भी झूठ बोला जा रहा है। उन्होंने सरकार पर तथ्यों को छिपाने का आरोप लगाया।

कांग्रेस सांसद ने सरकार से पूछा था कि जब पूरा देश ऑपरेशन सिंदूर का समर्थन कर रहा था, तो अचानक 10 मई को युद्धविराम की घोषणा क्यों हुई। उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुद 26 बार कहा है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान पर युद्ध रोकने का दबाव डाला। गोगोई का सवाल था कि क्या भारत ने बाहरी दबाव में आत्मसमर्पण कर दिया?

गोगोई ने केंद्र सरकार से पूछा था कि पहलगाम हमले की जिम्मेदारी कौन लेगा। उन्होंने कहा कि अगर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल जिम्मेदार हैं, तो केंद्र सरकार उनकी आड़ नहीं ले सकती। गृह मंत्री और प्रधानमंत्री को जिम्मेदारी लेनी चाहिए।उन्होंने कहा कि हमला बैसारन में हुआ था, जहां एम्बुलेंस तक एक घंटे में पहुंची और लोग सेना की वर्दी से भी डरने लगे थे।