यूपी : मजदूरों के दो दर्जन खातों में पहुंचे 3 करोड़, खाते बंद होने पर सामने आई हकीकत

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मथुरा : भरतपुर रोड स्थित गांव नगला मेवाती के मजदूर तबके के लोगों के बैंक खातों में तीन माह के भीतर करोड़ों की धनराशि भेजी गई। इसके बाद ऑनलाइन दूसरे खातों में ट्रांसफर भी हो गई। बैंक ऑफ महाराष्ट्र के करीब दो दर्जन खातों में करोड़ों के लेनदेन की जानकारी मजदूरों को भी नहीं हो सकी। खातों के होल्ड होने पर मजदूरों ने शुक्रवार को बैंक पर हंगामा किया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

कृष्णापुरी स्थित बैंक ऑफ महाराष्ट्र की शाखा के बैंक खातों में साइबर ठगी की करोड़ों की रकम को साइबर अपराधियों ने मजदूरों के खातों में ट्रांसफर कर दिया। दो दर्जन से अधिक खातों में करीब तीन करोड़ रुपये जमा होने के बाद भी बैंक प्रबंधन ने किसी खाताधारक को सूचना नहीं दी। 

पिछले दिनों गुजरात की एक कंपनी में काम करने वाले मजदूर दिलशाद अपना वेतन निकालने के लिए बैंक शाखा में पहुंचा तो उसे पता चला कि खाता होल्ड हो गया है। उसने बैंक से जानकारी मांगी तो बताया गया कि बैंक खाते को साइबर ठगी की शिकायत के बाद अरुणाचल प्रदेश से होल्ड कराया गया है। 

दिलशाद के खाते में करीब 64 लाख रुपये का लेनदेन सितंबर से नवंबर 2025 के बीच किया गया था, जबकि दिलशाद का कहना है कि वह मजदूरी करता है। उसके खाते में कभी दस-20 हजार रुपये से ज्यादा नहीं होते हैं। इसके बाद इसी गांव के परवेज भी मजदूरी करते हैं।

उन्होंने बताया कि उनके बैंक खाते में भी करीब 44 लाख रुपये भेजे गए। इसके बाद उनका एटीएम भी बैंक ने बिना जानकारी दिए बंद करा दिया। दूसरा एटीएम भी जारी कर दिया। उनका कहना है कि पहला एटीएम क्यों बंद किया गया? बैंक ने उन्हें जानकारी भी नहीं दी। इसी तरह वकील खान, तबस्सुम, फरहीन, परवीन, गुड़िया, दिलशान सहित दो दर्जन से ज्यादा महिला, पुरुषों के खातों में 30 लाख रुपये, 45 लाख रुपये, 65 लाख रुपये तो किसी के खाते में पांच लाख रुपये डाले गए। 

ज्यादातर मजदूरों को इस लेनदेन की भनक तक नहीं थी, जबकि इन खातेदारों में कई के एटीएम कार्ड बदल दिए गए। जब यूपीआई ट्रांजेक्शन भी बंद हो गया तो मजदूरों ने बैंक में पता किया। शुक्रवार को सुबह 11 बजे से एक बजे तक इसी मुद्दे पर खातेदारों ने हंगामा किया। उनका आरोप था कि करोड़ों रुपये खातों में आते जाते रहे मगर बैंक प्रबंधन ने किसी खातेदार से संपर्क करने की जरूरत भी नहीं समझी।

हाईवे स्थित नगला मेवाती गांव में वर्ष 2021-22 में बैंक ऑफ महाराष्ट्र के प्रतिनिधि ने शिविर लगाकर गांव में मजदूरों के खाते खोले थे। पुलिस ने खाते खुलवाने वाले प्रतिनिधि को भी पूछताछ के लिए बुलाया है। कोतवाली पुलिस का कहना है कि मजदूरों के बयान लिए गए हैं। इसके अलावा बैंक के अधिकारी और कर्मचारियों से भी पूछताछ की जाएगी। बैंक ने स्थानीय साइबर क्राइम पुलिस को इस बाबत जानकारी नहीं भेजी थी।

बैंक खातेदारों ने बताया कि अरुणाचल प्रदेश की साइबर पुलिस ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र में संपर्क करके इन संदिग्ध खातों को होल्ड कराया है। पुलिस ने बताया कि साइबर ठगी के करीब तीन करोड़ रुपये से ज्यादा खाते मथुरा की इसी बैंक में थे।

अरुणाचल पुलिस ने बैंक प्रबंधन से संपर्क के खातों को होल्ड कराया था। पुलिस जांच कर रही है कि ठगी की धनराशि कब-कब किन खातों में पहुंचीं। इसमें बैंक कर्मचारियों की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। खाताधारकों का कहना है कि जब बैंक को जानकारी है कि यह बैंक खाते किसी व्यवसायी के नहीं बल्कि मजदूर वर्ग के लोगों के हैं तो ज्यादा पैसा आने पर किसी तरह की पूछताछ क्यों नहीं की गई।

बैंक ऑफ महाराष्ट्र के 200 से ज्यादा खाते जांच के दायरे में आए हैं। इन खातों में संदिग्ध रूप से लेनदेन के मामले सामने आए हैं। इसकी जानकारी होने पर गांव के अन्य बैंक खातेदारों में खलबली मच गई है। पुलिस ने ऐसे खाताधारकों से पूछताछ करेगी। वहीं पुलिस का कहना है कि बैंक में इतनी बड़ी संख्या में संदिग्ध लेनदेन होने पर सचेत होना चाहिए था। इसकी जानकारी भी स्थानीय साइबर पुलिस को देनी चाहिए थी।

मजदूरों के बैंक खातों में साइबर अपराध से ठगी की गई धनराशि पहुंचने की घटना का संज्ञान आया है। इस मामले की हर पहलू से जांच कराई जा रही है। – अवनीश मिश्रा, एसपी अपराध