जयपुर : साइबर अपराधियों के एक अंतर्राज्यीय गिरोह द्वारा ‘डिजिटल अरेस्ट’ का डर दिखाकर जयपुर के 75 वर्षीय बुजुर्ग से 23.56 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। जयपुर साइबर क्राइम पुलिस ने इस हाई-प्रोफाइल केस में पहले ही मुख्य खाताधारक और तीन अन्य सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया था। अब गिरोह के सरगना को भी कर्नाटक की राजधानी बंगलुरु से गिरफ्तार कर लिया गया है।
साइबर क्राइम एसपी शांतनु कुमार के अनुसार, यह घटना 23 मई 2025 की है। पीड़ित बुजुर्ग को एक अज्ञात मोबाइल नंबर से फोन आया। कॉल करने वाले ने खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी ‘संजय कुमार’ बताया और कहा कि उनके नाम से खरीदे गए मोबाइल नंबर का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग और अश्लील संदेश भेजने में हुआ है।
साथ ही दावा किया गया कि उनके खिलाफ 2.80 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तारी वारंट जारी हो चुका है। इसके बाद पीड़ित को कथित “सीबीआई अधिकारी” रोहित कुमार गुप्ता से भी बात करवाई गई और व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर एक फर्जी अदालत का दृश्य दिखाया गया जिसमें “न्यायाधीश” उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश दे रहे थे। भयभीत होकर पीड़ित ने 26 मई को ठगों द्वारा बताए गए बैंक खाते में अपनी जीवन भर की कमाई में से 23.56 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।
शिकायत मिलने पर साइबर थाना जयपुर में मामला दर्ज किया गया। एसपी शांतनु कुमार और डिप्टी एसपी नीरज कुमार मेवानी के निर्देशन में पुलिस टीम ने जांच शुरू की। पता चला कि जिस खाते में पैसे ट्रांसफर किए गए थे, उसमें 26 मई को एक ही दिन में करीब 3 करोड़ रुपये विभिन्न खातों से आए और तुरंत अन्य खातों में ट्रांसफर कर दिए गए।
पुलिस ने मुख्य खाताधारक सुरेश कुमार जाट उर्फ सुरेंद्र (निवासी झुंझुनूं, हाल दिल्ली) को 30 मई को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया। आगे की जांच में उसके तीन अन्य साथियों ओमप्रकाश उर्फ नितेश (श्रीगंगानगर), वंशुल उर्फ आर्यन उर्फ प्रवीण (चूरू) और भूपेश फगेड़िया (झुंझुनूं) को सोनीपत जेल से प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया गया।
चारों आरोपियों से पूछताछ में गिरोह के सरगना का नाम सनी कुमार सामने आया। पुलिस टीम जिसमें उप निरीक्षक दामोदर और कांस्टेबल मनोज, सुरेश व किशन शामिल थे, ने तकनीकी मदद से बेंगलुरु में दबिश दी। वहां से सनी कुमार शर्मा (उम्र 26), निवासी हवेली खरगपुर, मुंगेर (बिहार) को गिरफ्तार किया गया, जो बेंगलुरु में किराए पर रह रहा था।
प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि यह गिरोह चंडीगढ़, सोनीपत, रोहिणी (दिल्ली), पटना (बिहार) और बेंगलुरु (कर्नाटक) समेत कई शहरों में इसी तरह की ‘डिजिटल अरेस्ट’ ठगी को अंजाम दे चुका है। इन शहरों में गिरोह के खिलाफ अन्य शिकायतें व प्रकरण भी दर्ज हैं। पुलिस अब मुख्य सरगना सनी कुमार से विस्तृत पूछताछ कर रही है ताकि पूरे नेटवर्क की जड़ तक पहुंचा जा सके और ऐसे संगठित साइबर अपराधों पर प्रभावी रोक लगाई जा सके।