नई दिल्ली : ट्रॉपिकल स्टॉर्म तपाह हांगकांग और दक्षिणी चीन में दस्तक दे चुका है। अब इस तूफान के उत्तर पश्चिम की दिशा में आगे बढ़ने के आसार हैं। ऐसे में इस तूफान का असर भारत में होने के आसार बेहद कम हैं। भारत के मौसम पर सीधे तौर पर इसका असर पड़ने की उम्मीद नहीं है।
हालांकि, क्षेत्रीय मौसम पैटर्न पर इसके प्रभाव से भारत के कुछ हिस्सों में वर्षा पर अप्रत्यक्ष रूप से असर पड़ सकता है। तपाह मुख्य रूप से दक्षिणी चीन को प्रभावित कर रहा है, ग्वांगडोंग, गुआंग्शी और दक्षिणी युन्नान में भारी बारिश और तेज हवाएं चल रही हैं। तूफान चीन के अंदरूनी इलाकों में आगे बढ़ रहा है और इसके भारत की ओर बढ़ने का कोई संकेत नहीं है।
थाईलैंड के मौसम विभाग ने बताया कि तपाह थाईलैंड में दक्षिण-पश्चिम मानसून को मजबूत कर रहा है, जिससे देश के पश्चिमी और दक्षिणी क्षेत्रों में वर्षा में वृद्धि हो रही है। मानसून की यह बढ़ी हुई गतिविधि उत्तरी और पूर्वोत्तर भारत में मौसम के पैटर्न को संभावित रूप से प्रभावित कर सकती है। खासकर तब, जब मानसून की स्ट्रीम पश्चिम की ओर बढ़ें। हालांकि, इसका प्रभाव बेहद कम होने की संभावना है।
पूर्वानुमान के अनुसार चीन से टकराने के बाद, तपाह कमजोर पड़ जाएगा। इसके बाद उत्तरी वियतनाम के पहाड़ी क्षेत्रों, जैसे हा गियांग, काओ बांग और लैंग सोन, में भारी बारिश हो सकती है। भारत के पूर्वोत्तर राज्य (जैसे, असम, अरुणाचल प्रदेश) इन क्षेत्रों के पास हैं। ऐसे में इन जगहों पर भी हवा में नमी बढ़ सकती है और बारिश हो सकती है। हालांकि, इसका असर कम होने की संभावना है।
भारत पहले से ही सामान्य से ज्यादा बारिश हो चुकी है। जलवायु परिवर्तन के कारण कई राज्यों में बारिश से तबाही हुई है। कई राज्य बाढ़ की चपेट में आए। जम्मू, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे उत्तरी भारत के कुछ हिस्सों में भारी वर्षा और बाढ़ का खतरा बना हुआ है। हालांकि, इसका तपाह से कोई संबंध नहीं है, लेकिन तपाह के कारण हवा में नमी बढ़ने पर भारत में भारी बारिश हो सकती है और हालात बिगड़ सकते हैं, क्योंकि यहां का मौसम पहले से सामान्य नहीं है।