नई दिल्ली : नवंबर के अंतिम सप्ताह में मौसम अचानक करवट ले चुका है। चक्रवात सेंयार व बंगाल की खाड़ी की दबाव प्रणाली के दोहरे प्रभाव से दक्षिण भारत मौसमी संकट में घिर रहा है। दक्षिण-पूर्व एशिया के समीप सक्रिय चक्रवात सेंयार इंडोनेशिया के उत्तर-पूर्व समुद्र तट एवं मलक्का जलडमरूमध्य की ओर बढ़ रहा है और इसके गहरे दबाव (डीप डिप्रेशन) में बदलने की आशंका है।
इसके साथ ही बंगाल की खाड़ी में विकसित एक अन्य दबाव क्षेत्र के भी 12 घंटों में गहरे दबाव में बदलने और तमिलनाडु, पुडुचेरी और दक्षिण आंध्र प्रदेश की ओर बढ़ने का अनुमान है। इससे भारी बारिश और तेज हवाओं का खतरा बढ़ा है।
अंडमान-निकोबार में 50 से 60 किमी प्रति घंटा की हवाएं और 155.6 से 204.4 मिमी वर्षा की आशंका के कारण ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल में गरज-चमक, वज्रपात और 64.5 से 115.5 मिमी बारिश की संभावना से येलो अलर्ट है। दक्षिण केरल, लक्षद्वीप, तटीय तमिलनाडु और दक्षिण बंगाल की खाड़ी में 35 से 55 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चलेंगी।
कुल मिलाकर उत्तर और दक्षिण में मौसम विपरीत चरम पर पहुंच चुका है। उत्तर में शुष्क ठंड, पाला और कोहरा, जबकि दक्षिण में चक्रवाती तूफान के साथ भारी बारिश और समुद्री हवाएं। मौसम विभाग के अनुसार अगले कुछ दिन पूरे देश के लिए मौसम संबंधी संवेदनशील रहेंगे।
उत्तराखंड में लंबे समय से बारिश न होने के कारण मौसम शुष्क है। देहरादून, मसूरी एवं पहाड़ी क्षेत्रों में तापमान सामान्य से दो-तीन डिग्री नीचे है और पाले जैसी स्थितियां बनने लगी हैं। हिमाचल में शुष्क ठंड चरम पर है। लाहौल-स्पीति में तापमान शून्य से नीचे गिर चुका है। बिलासपुर, मंडी और सुंदरनगर में घने कोहरे का येलो अलर्ट है। हालांकि दो दिसंबर तक बारिश या बर्फबारी की संभावना नहीं है।
