दलाई लामा से मिले चेक राष्ट्रपति पेट्र पावेल तो चीन को लगी मिर्ची, दूतावास ने देर रात जारी किया नोटिस

Dalai-Lama

हांगकांग : चीन ने एक बार फिर तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा से होने वाली अंतरराष्ट्रीय मुलाकात का विरोध किया है। पिछले दिनों चेक गणराज्य के राष्ट्रपति पेट्र पावेल की भारत में निर्वासित तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा से मुलाकात हुई थी। चीन ने कहा, वह इसका कड़ा विरोध करता है और चेक गणराज्य से अपनी एक-चीन राजनीतिक प्रतिबद्धता का पालन करने तथा स्वस्थ एवं स्थिर संबंध बनाए रखने के आग्रह पर जोर देता है।
चेक गणराज्य स्थित चीनी दूतावास ने रविवार देर रात यह नोटिस जारी किया और कहा कि चीन किसी भी देश के अधिकारियों और दलाई गुट के बीच किसी भी प्रकार के संपर्क का कड़ा विरोध करता है। चेक गणराज्य के राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा, पावेल ने जापान की अपनी कार्य यात्रा के अंत में दलाई लामा से एक पूर्णतः निजी यात्रा पर मुलाकात की।

चीनी दूतावास ने कहा, चीन का आग्रह है कि चेक गणराज्य अपनी एक-चीन राजनीतिक प्रतिबद्धता का पालन करे और तत्काल प्रभावी कदम उठाए। उसने यह भी कहा कि चेक गणराज्य को तिब्बती स्वतंत्रता के अलगाववादी ताकतों को कोई भी गलत संकेत भेजना बंद करना चाहिए। मालूम हो कि चीन तिब्बत को अपना हिस्सा मानता है। इसी वजह से वह न सिर्फ दलाई लामा बल्कि हर उस देश व नेता का विरोध करता है, जो उनको मान्यता देते हैं।

चेक गणराज्य के राष्ट्रपति पेट्र पावेल के कार्यालय ने बताया कि यह यात्रा दलाई लामा के निमंत्रण पर थी, जो अपना 90वां जन्मदिन मना रहे थे। पावेल के साथ उनके कार्यालय का कोई भी व्यक्ति नहीं था। उसने कहा, राष्ट्रपति ने जापान की अपनी कार्य यात्रा से लौटते समय प्रतिनिधिमंडल से अलग होकर दलाई लामा को व्यक्तिगत रूप से बधाई देने का अवसर लिया।

हाल के वर्षों में चीन के साथ चेक के संबंध ठंडे पड़ गए हैं। चेक गणराज्य ने मई में विदेश मंत्रालय पर हुए साइबर हमले में चीन का हाथ होने का आरोप लगाया था, जबकि चेक के राजनेताओं ने ताइवान का दौरा किया है और ताइवान की पूर्व राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने पिछले अक्तूबर में प्राग का दौरा किया था।