उत्तराखंड : ग्रीन हर्बल फैक्टरी में छापा, फूड लाइसेंस पर बना रहे थे प्रतिबंधित दवा

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विकासनगर : पुलिस और एएनटीएफ की टीम ने फूड लाइसेंस पर चल रही हर्बल उत्पाद बनाने वाली फैक्टरी में छापा मारा। फैक्टरी में प्रतिबंधित नशीली दवाओं और सिरप का जखीरा मिला। करीब एक साल से यहां इनका उत्पादन किया जा रहा था। पुलिस ने फैक्टरी मालिक समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, दो आरोपी फरार हैं। पुलिस ने सभी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।

एसएसपी अजय सिंह को सूचना मिली थी कि ग्रीन हर्बल फैक्टरी में प्रतिबंधित दवाएं बनाई जा रही हैं। उन्होनें कार्रवाई के लिए सहसपुर पुलिस और एएनटीएफ की संयुक्त टीम गठित की। टीम ने बृहस्पतिवार को फैक्टरी में छापा मारा, देर रात तक कार्रवाई जारी रही। इस दौरान फैक्टरी से प्रतिबंधित 1921 टैबलेट, सिरप की 592 बोतल और टैबलेट के 342 खाली रेपर मिले।

थाना प्रभारी मुकेश त्यागी ने बताया कि फैक्टरी मालिक सहारनपुर के बड़गांव के मुस्कीपुर गांव के संजय कुमार व शिव कुमार और यूपी के चंदौली के साहबगंज निवासी रहमान को गिरफ्तार कर लिया। बताया कि संजय कुमार, शिवकुमार हाल में सेलाकुई के प्रगति विहार और रहमान प्रेमनगर में रह रहा था।

विकासनगर के अम्बीवाला के कन्हैयालाल और हरिद्वार के ऋषभ जैन के भी इनके साथ काम करने की बात सामने आई है, दोनों की तलाश की जा रही है। आरोपियों ने पुलिस पूछताछ के दौरान बताया कि वह जांच में पकड़े जाने के डर से दवाओं के स्टॉक को फैक्टरी में नहीं रखा करते थे।

कार्रवाई के दौरान मिलीं ट्रामाडोल और ब्यूप्रेनॉरफिन टैबलेट का प्रयोग तेज दर्द में होता है। यह ऑपरेशन, कैंसर, हड्डी या गंभीर पेट दर्द में दी जाती है। वहीं, कोडीन फॉस्फेट का प्रयोग सूखी और लगातार होने वाली खांसी में होता है।

ड्रग कंट्रोलर ताजबर जग्गी ने बताया कि बरामद दवाएं साइको ट्रैपिक (मन प्रभावी) हैं। इनका अधिक सेवन व्यक्ति को नशे की हालत में ले जाता है। नशे के विकल्प के रूप ऐसी दवाओं का चलन बढ़ रहा है।