नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मुखिया गिरोह के सरगना को गिरफ्तार किया है. सरगना की पहचान राम आशीष उर्फ करण के रूप में हुई है. करण 2017 से पुलिस को चकमा दे रहा था. मुखिया गिरोह के सरगना की दिल्ली, गुरुग्राम, चेन्नई और हैदराबाद पुलिस को तलाश थी.
आरोपी जमानत पर बाहर आने के बाद फरार हो जाता था. पुलिस ने बताया कि करण मूल रूप से बिहार के मधुबनी का रहने वाला है. उसने चार राज्यों में पांच आपराधिक वारदात को अंजाम दिया है.
4 मार्च को जानकारी मिली थी कि करण द्वारका के मोहन गार्डन आने वाला है. सूचना पर पुलिस ने जाल बिछाकर शातिर अपराधी को धर दबोचा. पुलिस को देखकर बदमाश ने भागने का प्रयास किया. क्राइम ब्रांच की टीम ने बदमाश की कोशिश को नाकाम कर दिया.
पुलिस ने बताया कि मुखिया गिरोह के सदस्य घरों में नौकर या सहायक बनकर निशाना बनाते थे. करण ने साथियों के साथ मालकिन को नशीला पदार्थ खिलाकर नकदी और जेवरात चोरी कर लिया था. रोहिणी, राजौरी गार्डन, गुरुग्राम, चेन्नई और हैदराबाद में मुखिया गिरोह की करतूत सामने आ चुकी थी.
पुलिस ने बताया कि मुखिया गिरोह के सरगना करण का लंबा आपराधिक इतिहास है. उसने 10वीं कक्षा तक पढ़ाई की थी. वर्ष 2006 से 2011 के बीच करण मुंबई में कोचिंग संस्थान का केयरटेकर था. बाद में दिल्ली चला आया. मुनीरका में कॉल सेंटर और वसंत कुंज के केएफसी में दो साल तक उसने नौकरी की. इसी दौरान उसकी मुलाकात गांव के एक व्यक्ति राहुल से हुई. राहुल ने करण को चोरी करने की योजना समझाई.
उन्होंने 2014 में पहली बार रोहिणी में चोरी की घटना को अंजाम दिया. उसके बाद देशभर में नौकरों और घरेलू सहायकों के माध्यम से चोर गिरोह का नेटवर्क खड़ा कर लिया. आरोपी ने साथियों के साथ मिलकर चेन्नई में 40-50 लाख रुपये की नकदी और आभूषणों की चोरी की.
हैदराबाद में भी मुखिया गिरोह के सदस्यों ने घर से 1 करोड़ रुपये का जेवर और कैश चुरा लिये. गुरुग्राम में सरगना ने गिरोह के साथ मिलकर लगभग 1 करोड़ रुपये की नकदी और जेवरात पर हाथ साफ कर दिये. पुलिस ने बताया कि तिहाड़ जेल से छूटने के बाद मुखिया गिरोह का सरगना हैदराबाद में सेंधमारी करने पहुंचा था.