दिल्ली ब्लास्ट : एक शव डॉ. उमर का तो दूसरा किसका, पहेली हल करने में जुटी पुलिस

DElhi-Umaar

नई दिल्ली : लाल किले के पास कार में हुए धमाके में मारे गए आठ लोगों की अब तक शिनाख्त हो चुकी है लेकिन मोर्चरी में रखे दो शव किसके यह पता अब तक नहीं चला है। माना जा रहा है इनमें से एक शव डॉक्टर मोहम्मद उमर का हो सकता है। उसकी पहचान के लिए उमर की मां का डीएनए सैंपल भी ले लिया गया है। ऐसे में सवाल अब भी यही है कि दूसरा शव किसका है। पुलिस इसी पहेली को सुलझाने में जुटी है।

धमाके के बाद हताहत हुए लोगों के परिजन अपनों की तलाश करते हुए एलएनजेपी अस्पताल पहुंच गए थे। शिनाख्त के बाद परिजनों को आठ शव दे दिए गए। मोर्चरी में दो अज्ञात शवों के टुकड़े मोर्चरी में रखे हैं। सूत्रों के मुताबिक एक शव के कुछ टुकड़ों को गत्ते के एक डिब्बे में जबकि दूसरे शव के धड़ का हिस्सा एक चादर में लपेटकर फ्रिज में रखा गया है। बिना डीएनए के इन दोनों ही शवों की पहचान लगभग असंभव है।

अधिकारियों का कहना है कि जब तक कोई व्यक्ति आकर शव के लिए दावा नहीं करता तब तक मृतक की पहचान मुश्किल है। पुलिस सूत्रों का कहना दूसरी लाश का धड़ धमाके से उड़कर लाल किला पुलिस चौकी के पास जाकर गिरा था। धमाके में नौमान, मोहसिन, मोहम्मद जुम्मन, पंकज सैनी, अशोक कुमार, लोकेश अग्रवाल, दिनेश कुमार मिश्रा और अमर कटारिया की मौत हो गई थी।

डा. मोहम्मद उमर दिल्ली में लाल किले के पास हुए विस्फोट में शामिल कार चला रहा शख्स रामलीला मैदान के पास एक मस्जिद में गया था। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि अल-फला विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर डॉ. उमर ही कार चला रहा था। 

विस्फोट से पहले उसने अपराह्न करीब 3.19 बजे सुनहरी मस्जिद पार्किंग स्थल पर वाहन खड़ा किया था। वहां तीर घंटे रहा। एजेंसियां इस सवाल का हल खोज रही है कि आखिर तीन घंटे रुककर उसने वहां क्या किया और किससे मिला। 

एक अन्य अधिकारी ने कहा कि वह फरीदाबाद मॉड्यूल में गिरफ्तार किए गए लोगों के बारे में लगातार अपडेट देख रहा था। हम यह भी सत्यापित करने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या वह सिग्नल फोन का उपयोग करके अपने आका के संपर्क में था। 
अधिकारी ने कहा कि फोरेंसिक विशेषज्ञ उस संभावित सिग्नल उपकरण के टुकड़ों का पता लगाने के लिए नमूनों का विश्लेषण कर रहे हैं जिसका उपयोग आका के संपर्क में रहने के लिए किया गया हो सकता है।

पुलिस सूत्रों ने कहा कि नमूनों की जांच करने और इस्तेमाल किए गए विस्फोटकों की प्रकृति की पहचान करने के लिए विशेषज्ञों की एक विशेष टीम का गठन किया गया है।

दिल्ली पुलिस अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली पुलिस की प्राथमिकी ने विस्फोट को -एक बम विस्फोट कहा हैं, क्योंकि इसमें गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत आतंकी हमले की साजिश और सजा से संबंधित धाराएं लगाई गई हैं। 
शुरुआत में, यह दावा किया गया था कि विस्फोट के दौरान कार में तीन लोग थे। जांच से जुड़े अधिकारियों के अनुसार, पार्किंग से निकलने के बाद, वह लाल किले के पास छत्ता रेल चौक रोड पर आगे बढ़ा और फिर एक यू-टर्न लिया। विस्फोट लाल किले पुलिस चौकी से कुछ मीटर पहले हुआ।