देव दीपावली-2024 : देवी-देवताओं का धरती पर उत्सव…पवित्र नदियों के किनारे दीप जलाने का पर्व

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नई दिल्ली-NewsXpoz : देव दीपावली आज 15 नवंबर 2024 को मनाई जा रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष स्थान है। वर्ष भर में आने वाली 12 पूर्णिमा तिथियों में कार्तिक पूर्णिमा का अत्यधिक महत्व होता है। इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहा जाता है, क्योंकि इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक दैत्य का वध किया था। इस दिन को देव दीपालवी (देव दिवाली) के रूप में भी मनाया जाता है। जब सभी देवी-देवता स्वर्गलोक से धरती पर आकर पवित्र नदियों के किनारे दीप जलाकर इस पर्व का उत्सव मनाते हैं। इस पावन दिन पर गंगा नदी में स्नान करने और दीप दान करने का विशेष महत्व माना जाता है। कहते हैं ऐसा करने से भगवान शिव, श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।

देव दिवाली 2024 पूजा मुहूर्त : देव दीपावली पूजा का समय 15 नवंबर 2024 की शाम 05:10 से शाम 07:47 बजे तक रहेगा। पूर्णिमा तिथि का प्रारम्भ 15 नवंबर 2024 की सुबह 06:19 बजे से होगा और इसकी समाप्ति देर रात 02:58 पर होगी।

  • देव दीपावली के मौके पर आप शाम के वक्त तुलसी के पेड़ पर दीपदान करें। घर के मेन गेट के दोनों किनारे दीपक जलाएं, रसोई में जल के स्रोत के पास दीपक जलाएं, घर के ईशान कोण में घी का दीया जरूर रखें। दक्षिण दिशा में एक चौमुखी तेल का दीया भी इस दिन जलाने से अकाल मृत्यु का भय खत्म होता है। आप अपनी श्रद्धा अनुसार देव दीपावली पर 11, 21, 51 और 108 दीपक जला सकते हैं। कहते हैं देव दीपावली पर दीपदान करने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है और अकाल मृत्यु का डर भी खत्म होता है।
  • देव दिवाली के दिन पवित्र नदी में स्नान करने का बहुत महत्व माना जाता है। अगर आपके लिए संभव हो तो इस दिन गंगा स्नान जरूर करें और स्नान के बाद दीपदान भी जरूर करें। मान्यता है कि ऐसा करने से 100 अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य प्राप्त होता है।
  • देव दिवाली के दिन घर में तुलसी का पौधा लगाना बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है. इसलिए इस दिन घर में तुलसी का नया पौधा जरूर लगाएं।
    देव दिवाली के दिन तुलसी जी को पीले रंग का दुपट्टा या चुन्नी चढ़ाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से नौकरी और व्यापार में तरक्की होती है।
  • देव दिवाली के दिन घर में सत्यनारायण भगवान की कथा का पाठ करवाना बहुत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा का पाठ करने या सुनने से भक्तों के सभी प्रकार के कष्टों का नाश हो जाता है और जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है।

देव दिवाली पूजा विधि :

  • देव दिवाली के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर गंगा नदी में स्नान जरूर करें और यदि नदी स्नान कर पाना संभव न हो तो घर पर ही गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
  • इसके बाद घर के मंदिर की साफ-सफाई करें और फिर भगवान शिव समेत सभी देवी देवताओं की विधि विधान पूजा करें।
  • इसके बाद नदी के तट पर और मंदिर में दीप जरूर जलाएं।
  • इस दिन शाम के समय भगवान शिव और भगवान विष्णु की आराधना जरूर करें और महादेव को फल, फूल और दूध जरूर चढ़ाएं।
  • इसके बाद भगवान को भोग लगाकर आरती करें।
  • इस दिन गंगा नदी में दीप दान का विशेष महत्व माना जाता है।