धनबाद-NewsXpoz : असंख्य शंखनाद, डमरू की ऊर्जावान धुन और ओज स्वर से निकलते शिव ताड़व स्त्रोत … जटा टवी गलज्जलप्रवाह पावितस्थलेगलेऽव लम्ब्यलम्बितां भुजंगतुंग मालिकाम्। पारंपरिक वाद्य यंत्रों और वैदिक स्त्रोतों का संगम हुआ तो पूरा राजेंद्र सरोवर शिव तत्व की ऊर्जा से भर गया। असंख्य शिव भक्तों के बीच के निकलतेहर-हर महादेव, पार्वतेपतय की जय… के उद्घोष सेगगन गुंजा गुं यमान हो रहा था। ऐसा माहौल मानों राजेंद्र सरोवर में भगीरथी उतर आई हो। राजेंद्र सरोवर का छठ घाट मानों बनारस के घाट बन गए हो।
सावन मास की पहली सोमवारी पर शहर के राजेंद्र सरोवर पर आचार्यरंधीर की अगुवाई में पुजारियों ने जब एक साथ जलते हुए दीपक को उठाया और मां गंगा की आरती शुरू की तो भक्तों का रोम-रोम पुलकित हो गया। झारखंड इंड्रस्ट्रीज एंडएं ट्रेड एसोसिएशन (जिटा) की ओर सेआयोजित शिव महाआरती में भक्ति की ऐसी रसधार बही, जो लंबेसमय तक जेहन में रहेंगे।
इसके बाद सोनूमनमौजी और उनकी 22 सदस्यीय टीम नेशिव तांडव का मंचन किया। संध्या छह बजेतो घाट की सीढ़ियों पर पैर रखनेके जगह नहीं थी। आयोजकों नेबताया कि 30 हजार सेअधिक भक्त राजेंद्र सरोवर की चारों ओर इस आरती का हिस्सा बननेपहुंचेथे। जिटा की ओर सेयह आयोजन का तीसरा वर्षथा।
हनुमानजी नेमाहौल किया राममय कार्यक्रम की शुरुआत सुंदर गणेश वंदना सेहुई। इसके बाद मंच पर आगमन हुआ हनुमानजी का। कभी अपना विराट रूप दिखातेतो कभी राम धुन मेंनृत्य करतेबजरंग बली ने पूरा माहौल राममय कर दिया। रोंगटे खड़ी करनेवाली महिषासुर मर्दिनी और मांकाली की विराट झांकी गंगा आरती सेपूर्वमंच पर सुंदर संगीतमय नाट्य मंचन हुआ।
रोंगटे खड़े कर देनेवालेमर्हिषासुर मदर्नी स्त्रोत का ऐसा मंचन हुआ, मानों साक्षात मांशक्ति के सभी स्वरूपों का एकसाथ अवतरण हो गया हो। उड़तेभभूत के बीच भयंकर युद्ध मेंमर्दन के समय मांकाली अपनेविकराल स्वरूप मेंजब कहती हैकि मैंही माया हूं, तब सभी श्रद्धालुएकदम शून्य मेंखो जातेहैं। सरोवर तट शांत हो जाता है। अपलक श्रद्धालुएकटक देख ही रहेथेकि तभी एकाएक मुंड लिए श्यामा काली का भयंकर रूप सामनेआता हैतो मानों सांसें एक क्षण के लिए थम सी जाती हैं
जटा टवी गलज्जलप्रवाह पावितस्थले… भुजंगतुंग मालिकाम् … धगद् धगद् धगज्ज्वल्ल, ललाट पट्ट पावके…किशोर चंद्रशेखरे, रतिः प्रति क्षणंममं… इसी धुन पर भीड़ मेंशिवभक्तों के बीच आचानक भभूत लपेटे एक ओघड़ विशाल शिवलिंग को कंधेपर लेकर आता है। लोगों की नजर पड़तेही पूरा राजेंद्र सरोवर शिव धारा के शोर सेगूंजगूं उठाता है।
जयकारों की तरंग ऐसी दौड़ी कि रोम- रोम शिव हो गया। इसके बाद शुरू हुआ शिव तांडव। जटा टवी गलज्जलप्रवाह पावितस्थले… भुजंगतुंग मालिकाम् … की धुन पर बीच मेंतांडव करतेमहादेव बगल मेंमां गौरी और चारों ओर अदभुत नृत्य करते अधोरों का समूह। इस अलौलिक दृश्य को जिसने भी देखा शिव तत्व में एकाकार हो गया। फिर राख क्या, शृंगार क्या! अघोरों नेबीच मेंअग्नि प्रज्वलित की और शिवपार्वती ने एक दूजेको जयमाल पहनाया और अग्नि के फेरेलिए। नम: पार्वतेपतै, हर हर महादेव के जयकारों के बीच कार्यक्रम का समापन हो गया। रिपोर्ट : अमन्य सुरेश (8340184438)