धनबाद : आदिम जनजाति बिरहोरों के लिए सरकार ने भले ही योजनाएं बना रखे हो, लेकिन आज भी बिरहोर बुनियादी सुविधाओं से दूर है। उन्हें समय पर चिकित्सा, शिक्षा, रोजगार जैसी समस्यों से ग्रसित है। जिससे वह असमय मौत का शिकार हो रहे है।
ऐसा एक मामला बुधवार की दोपहर SNMMCH में आया। जहां तोपचांची प्रखंड के एक बिरहोर को इलाज के लिए लाया गया। लेकिन चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद उक्त मृतक बिरहोर के परिजन शव को ले जाने की ज़िद करने लगे।
लेकिन अस्पताल कर्मियों ने नियमों की बात कहते हुए शव को नहीं ले जाने दिया। जिसके बाद मृतक के परिजन अस्पताल प्रबंधन के वरीय चिकित्सकों से मिलकर शव दिए जाने का अनुरोध किया। परंतु उसे शव ले जाने की इजाजत नहीं मिली।
घटना से क्षुब्ध मृतक के परिजन एकजुट होकर बुधवार की शाम हल्ला-हंगामा भी किया। लेकिन शव नहीं ले जा सके। अस्पताल कर्मियों का कहना है कि मृतक के शव को बगैर पोस्टमार्टम किये दिया जाना अनुचित है। वही परिजनों का कहना है कि उक्त बिरहोर पिछले कई दिनों से बीमार था और अस्पताल लाने के क्रम में रस्ते में उसकी मौत हो गई। इसलिए इसे स्वाभाविक मृत्यु मानते हुए शव बगैर पोस्टमार्टम के उन्हें दे देना चाहिए।
बताया जाता है कि तोपचांची के चलकरी गांव निवासी एक बिरहोर युवक की मौत के बाद शव ले जाने के लिए दिनभर परिवार के लोग मिन्नत करते रहे, लेकिन उन्हें शव ले जाने की इजाजत नहीं मिली। बुधवार को तोपचांची के चलकरी में चरका बिल्होर की बुधवार की सुबह अचानक तबियत बिगड़ गई। जिसके बाद परिजन ने निजी नर्सिंग होम ले गए। जहां से चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए उसे धनबाद के शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल भेज दिया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
जिसके कुछ देर बाद जब परिजन शव ले जाने को लेकर अनुमति मांगने लगे, तो अस्पताल प्रबंधन ने पोस्टमार्टम कराने की बात कही। बिरहोर परिवार इसके लिए तैयार नहीं हुआ तो अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें सरायढेला थाने से एनओसी लाने को कहा। इसके बाद बिरहोर परिवार सरायढेला थाना पहुंचा और पुलिस अधिकारियों को जानकारी दी। लेकिन देर शाम तक सरायढेला पुलिस जांच के लिए अस्पताल नहीं पहुंची। बाद में अस्पताल प्रबंधन ने शव को इमरजेंसी के मॉर्चुरी में रखवा दिया।
बिरहोरों ने अस्पताल में किया हंगामा : एसएनएमएमसीएच से चरका बिरहोर का शव रिलीज नहीं करने की सूचना पर बुधवार की रात तोपचांची के चलकरी गांव के रहने वाले बिरहोर बड़ी संख्या में अस्पताल पहुंच गए। मृतक के शव को रिलीज करने की मांग को लेकर बिरहोरों ने अस्पताल में हंगामा किया। बाद में सुरक्षा में तैनात होमगार्ड के जवानों के समझाने पर लोग शांत हुए।
उल्टी और सांस लेने में थी तकलीफ : मृतक चरका बिरहोर के भतीजे पुन्ताज बिरहोर ने बताया कि बुधवार की सुबह अचानक उनके चाचा चरका बिरहोर को उल्टी होने लगी। उसे सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी। गांव वालों ने उसे अस्पताल ले जाने की सलाह दी। इसके बाद वह उन्हें लेकर एंबुलेंस से एनएसएमएमसीएच रवाना हुए। लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गयी।
पोस्टमार्टम के बाद ही रिलीज होगा शव-डॉ ओझा : एसएनएमएमसीएच के प्रभारी अधीक्षक डॉ यूके ओझा ने बताया कि अस्पताल पहुंचने से पहले ही चरका बिरहोर की मौत हो चुकी थी। ऐसे में पोस्टमार्टम कराना आवश्यक है। जबकि उसके परिजन बिना पोस्टमार्टम कराये शव ले जाने की बात कह रहे है। उन्हें पुलिस से एनओसी लाने को कहा गया है। पोस्टमार्टम के बाद शव ले जाने को लेकर एंबुलेंस की व्यवस्था कर दी जायेगी। रिपोर्ट : अमन्य सुरेश (8340184438)