धनबाद : उपायुक्त ने समाहरणालय परिसर से पोषण रथ की प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

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धनबाद : उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी माधवी मिश्रा ने समाहरणालय परिसर से समाज कल्याण विभाग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय पोषण माह 2024 हेतु पोषण रथ की प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

यह पोषण रथ जिले के विभिन्न ग्राम पंचायतों, प्रखंडों का परिभ्रमण कर लोगों को पोषण के प्रति जागरूक करने का काम करेगी। पोषण अभियान के तहत दिनांक 01 सितंबर से 30 सितंबर 2024 तक राष्ट्रीय पोषण माह का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष पोषण माह का थीम अनिमिया नियंत्रण, वृद्धि निगरानी, ऊपरी आहार, पोषण भी पढ़ाई भी एवं बेहतर शासन के लिए तकनीक का वृहत उपयोग करना है। विभाग द्वारा उपलब्ध कराये गये कैलेंडर के अनुसार पूरे माह आँगनबाड़ी केन्द्र, परियोजना स्तर एवं जिला स्तर पर कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा।

उपायुक्त ने कहा कि पोषण रथ जिले के विभिन्न प्रखंडों व पंचायत में भ्रमण कर ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस योजना का लाभ उठाने के प्रति जागरूक करने का काम करेगी। लोग साफ-सुथरा एवं पोषण युक्त भोजन ग्रहण करे, पोषण के प्रति जागरूक हो, इसका प्रयास किया जा रहा है। कहा कि 1 से 4 सितम्बर एवं 25 से 28 सितम्बर तक समग्र पोषण और पोषण भी पढ़ाई भी, 5 से 7 सितम्बर एवं 16 से 20 सितम्बर तक एनीमिया से मुक्ति 9 से 10 एवं 21 से 23 सितम्बर तक बेहतर शासन के लिए तकनीक का वृहत उपयोग, 11 से 14 सितम्बर एवं 21 से 23 सितम्बर तक ऊपरी आहार, 15 से 21 सितम्बर तक वृ‌द्धि निगरानी सप्ताह, 18 सितम्बर को पोषण भी पढ़ाई भी, 16 से 20 सितम्बर तक एनीमिया 23 से 24 सितम्बर तक पर्यावरण संरक्षण 29-30 सितम्बर को समापन समारोह का आयोजन किया जाना है।

इसके अलावा वन स्टॉप सेंटर (सखी) की गाड़ी को भी उपायुक्त ने हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। इसके अंतर्गत सभी प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिलाओं एवं बालिकाओं को एक ही स्थान पर अस्थायी आश्रय पुलिस-डेस्क विधि सहायता चिकित्सा एवं काउन्सलिंग की सुविधा वन स्टाप सेन्टर/उषा किरण केन्द्रों में उपलब्ध करायी जायेगी।

एक ही छत के नीचे हिंसा से पीड़ित महिलाओं एवं बालिकाओं को एकीकृत रूप से सहायता एवं सहयोग प्रदाय करना। पीड़ित महिला एवं बालिका को तत्काल आपातकालीन एवं गैर आपातकालीन सुविधायें उपलब्ध करना जैसे-चिकित्सा, विधिक, मनौवैज्ञानिक परामर्श आदि।

हिंसा से पीड़ित महिलायें जिसमें 18 वर्ष से कम आयु की बालिकायें भी सम्मिलित है को सहायता प्रदाय करना। 18 वर्ष से कम आयु की बालिकाओं की सहायता हेतु लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 एवं किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2015 के अंतर्गत गठित संस्थाओं को सेन्टर से जोड़ना।

सखी वन स्टॉप सेन्टर में हिंसा से पिड़ित महिलाओं को बचाव की स्थितियों से निपटने, जाँच, परिवार के साथ पुनः एकीकरण के उद्देश्य से हिंसा से प्रभावित महिलाओं की चिकित्सा सुविधा, विधिक और पुलिस सहायता प्रदान किया जाना है। इसके लिए महिलाओं को विभिन्न स्थानों पर लाने-ले जाने हेतु वाहन की व्यवस्था की गई है, एवं इस हेतु वाहन की ब्राडिंग करते हुए प्रचार प्रसार की जा रही है।

मौके पर जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्रीमती अनिता कुजूर, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी श्री सुनील कुमार सिंह, सीडीपीओ, समेत कार्यालय कर्मचारी मौजूद रहें।

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