धनबाद : सड़क किनारे फेंके जा रहे बायो-मेडिकल वेस्ट, संक्रमण फैलने का खतरा

Dhn-Kurmidih-Bio-Waste

धनबाद-NewsXpoz : कोयलांचल में निजी अस्पताल व क्लिनिक से निकलने वाले बायो मेडिकल कचरा शहरवासियों का सेहत बिगाड़ रहा है। निजी अस्पतालों व क्लीनिकों में बायो वेस्ट मैनेजमेंट (संक्रमित कचरा प्रबंधन) को लेकर गंभीरता नहीं बरती जा रही है। कचरे को सड़क किनारे फेका रहा है। ऐसे में वातावरण प्रदूषित हो रहा है। 

धनबाद : सड़क किनारे फेंके जा रहे बायो-मेडिकल वेस्ट, संक्रमण फैलने का खतरा👉👉 newsxpoz.com/dhn-kurmidih…कोयलांचल में निजी अस्पताल व क्लिनिक से निकलने वाले बायो मेडिकल कचरा शहरवासियों का सेहत बिगाड़ रहा है। बरवाअड्डा-कुर्मिडीह सड़क मार्ग पर भी जगह-जगह मेडिकल कचरे बिखरे पड़े हैं। दरअसल, शहर में दर्जनों से अधिक निजी क्लीनिक व अस्पताल के साथ लैब संचालित हो रहे हैं।

NewsXpoz (@newsxpoz.bsky.social) 2025-06-30T13:57:16.576Z

वही बरवाअड्डा-कुर्मिडीह सड़क मार्ग पर भी जगह-जगह मेडिकल कचरे बिखरे पड़े हैं। दरअसल, शहर में दर्जनों से अधिक निजी क्लीनिक व अस्पताल के साथ लैब संचालित हो रहे हैं।

यहां बायो वेस्ट निस्तारण को लेकर कोई प्रबंध नहीं है। जबकि बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट अधिनियम में मेडिकल वेस्ट के निस्तारण का प्रावधान है। इसके तहत अस्पताल व नर्सिंग होम से बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए प्रोसेसिंग प्लांट को कचरा देना है। लेकिन, दर्जनों से अधिक निजी अस्पताल व लैब राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेश का उल्लंघन कर कचरा जहां-तहां फेंक रहे हैं। खुले स्थानों पर मेडिकल कचरा फेंकने से लोगों के जीवन से खिलवाड़ हो रहा है।

मेडिकल बायो वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट के मार्केटिंग प्रबंधक की माने तो एक्ट के अनुसार जिन निजी क्लीनिक व लैब में आपरेशन थिएटर चलता है, वहां ईटीपी संयंत्र लगाना अनिवार्य है।

 एक से डेढ़ लाख रुपये में ईटीपी संयंत्र लगाया जा सकता है। शहर में करीब 40 निजी क्लीनिक में यह संयंत्र लगाए गए हैं। जहां नहीं लगा है वैसे लैब से ब्लड का सैंपल व आपरेशन थिएटर का तरल पदार्थ व मेडिकल कचरा नाले में प्रवाहित होता है।

जो नाले के पाने को भी संक्रमित कर रहा है। इससे आम लोगों में संक्रमण का खतरा बना रहता है। हालांकि राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ईटीपी और मेडिकल कचरा निस्तारण का सख्त निर्देश दिया है। इसके तहत जुर्माना के साथ संस्थान बंद करने का भी प्रावधान है।

जैविक संक्रमण से बचाने के लिए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय बायो मेडिकल वेस्ट नियम लागू कर गंभीरता से पालन कराने का प्रयास कर रहा है। बायो वेस्ट से मानव सहित मवेशियों में भी संक्रमित बीमारियों के फैलने का अंदेशा रहता है। खुले स्थानों पर मेडिकल वेस्ट फेंककर आम जन और वन्य जीवों के जीवन से खिलवाड़ का खेल अनवरत जारी है।

बरवाअड्डा-कुर्मिडीह मार्ग में लंबे समय से कुछ अज्ञात नर्सिंग होम व क्लीनिक संचालकों द्वारा मेडिकल वेस्ट खुले में फेंका जा रहा है। सड़क किनारे बड़ी मात्रा में फेंकी इंजेक्शन, सीङ्क्षरज व दवाइयां, स्ट्रेचर के बेड कभी भी देखी जा सकती है। जहां आम नागरिकों के अलावा जानवरों का आना-जाना लगा रहता है। रिपोर्ट : अमन्य सुरेश (8340184438)