धनबाद : जर्जर भवन में पढ़ाई करने को बच्चे विवश, हादसे को दे रहा निमंत्रण

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धनबाद : एक ओर जहां स्कूली शिक्षा और सुविधा को लेकर बड़ी-बड़ी बातें और घोषणाएं की जाती हैं। शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए आधुनिक सुविधाओं से लैस सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस खोले गये हैं। वहीं दूसरी ओर बरवाअड्डा स्थित राजकीय मध्य विद्यालय में मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी है।

स्कूल में छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को बुनियादी जरूरतों के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है। प्राथमिक शिक्षा में सुधार के लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। लेकिन स्कूलों के जर्जर भवनों की मरम्मत का कार्य नहीं कराया जा रहा है। ऐसे में बच्चे जर्जर स्कूल भवन में पढ़ने को विवश हैं। छत की दीवारों व फर्श में जगह-जगह से प्लास्टर उखड़ रहा है। जर्जर भवन के कारण दुर्घटना की आशंका लगी रहती है। बरसात में दीवारों में सीलन हो जाती है।

शहर के धनबाद-बरवाअड्डा रोड स्थित राजकीय मध्य विद्यालय संचालित है। विद्यालय में कुल 123 बच्चे अध्ययनरत हैं। लेकिन विद्यालय भवन अत्यंत जर्जर हो चुका है। इस कारण बच्चे जान जोखिम में डालकर पढ़ने को मजबूर हैं। विद्यालय का भवन इतना अधिक जर्जर हो गया है कि कभी भी पूरा भवन गिर सकता है और बड़ी अनहोनी हो सकती है।

इस बात की जानकारी विद्यालय प्रबंधन और स्थानीय मुखिया ने कई बार जिला प्रशासन को दी है, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण विद्यालय की आज तक न मरम्मत कराई गई और न ही नया भवन बनाने की पहल की गई है।

कभी भी धराशायी हो सकता स्कूल बिल्डिंग : हेडमास्टर और टीचर से बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि स्कूल भवन की हालत खण्डहर में तब्दील  होती जा रही है। भवन अत्यंत ही जर्जर हो गया है, यहां पर पढ़ाई कर रहे छोटे-छोटे बच्चे बरसात में भी पेड़ के नीचे पढ़ाई करने को मजबूर हैं। यह भवन कभी भी धराशायी हो सकता है, भवन का प्लास्टर उखड़ कर पूरा गिर गया है, सरिया और छड़ पूरा दिख रहा है, वहीं छत गिरने के कगार पर है। 

शिक्षा विभाग के अलावा जिला कलेक्टर को मामले के बारे में अवगत कराया जा चुका है। इसके बावजूद भी बच्चों के लिए आज तक नए भवन का निर्माण नहीं हो सका है। यहां पर मध्यवर्गीय परिवार के बच्चे दूसरे जगह जाकर पढ़ रहे हैं लेकिन गरीब परिवार के बच्चे दूसरे स्कूल नहीं जा पाने के कारण मजबूरी में यहीं पर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

आपको बता दें कि राजकीय मध्य विद्यालय शहर से दूर में पड़ता है। यहां अधिकतर गरीब परिवार के बच्चे ही पढ़ाई करने के लिए पहुंचते हैं। छात्रों का भी कहना है कि शौचालय भी बेहद खराब है। रिपोर्ट : अमन्य सुरेश (8340184438)