SNMMCH : NICU में नवजात के इलाज में लापरवाही? संक्रमण फैलने का खतरा बरक़रार

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धनबाद : नवजातों को इलाज की बजाय गंभीर बीमारी होने की आशंका के बावजूद SNMMCH में चिकित्सकों तथा प्रबंधन द्वारा लगातार लापरवाही बरती जा रही है। कई बार खबर प्रकाशित होने के बाद भी प्रबंधन द्वारा नजरअंदाज किया जाना लोगों की समझ से परे है। हम बात कर रहे है शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के NICU वार्ड की। जहां जन्म से कमजोर नवजात शिशुओं के इलाज में लापरवाही बरती जा रही है।

मंगलवार की दोपहर NICU वार्ड के वार्मर मशीन पर एक-दो नहीं, बल्कि चार-चार शिशुओं को रखकर इलाज करने का दिखावा SNMMCH प्रबंधन करता दिखा। जबकि शिशु विशेषज्ञों की माने तो एक वार्मर मशीन पर एक से अधिक नवजात को नहीं रखा जा सकता है। ऐसा करने से इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।  बच्चों को सबसे अधिक इंफेक्शन का खतरा होता है। इसके बाद भी लापरवाही बरती जा रही है। एक बच्चे को कोई गंभीर इंफेक्शन होने पर उससे दूसरे बच्चों को भी फैलने का खतरा बना होता है। वहीं अस्पताल प्रबंधन मामले को लेकर गंभीर होता नहीं नजर आ रहा है।

मरीजों की भीड़ के कारण मेडिकल कॉलेज में बेडों की संख्या कम पड़ जा रही है। 560 बेड वाले इस अस्पताल में मंगलवार को बेड के लिए मरीजों को आधे से एक घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा था। स्थिति ऐसी बनी हुई है कि एक-एक बेबी वार्मर पर इलाज के लिए एक साथ तीन से चार नवजात को रखना पड़ रहा है। बेड के इंतजार में मरीजों को आधे से एक घंटे तक इमरजेंसी में स्ट्रेचर पर लेटे रहना पड़ता है। इमरजेंसी से लेकर जनरल वार्ड तक की एक सी स्थिति है।

वहीं एनआईसीयू वार्ड के नर्स के इंचार्ज और डॉक्टर ने बताया कि एक-एक बेड पर तीन से चार बच्चों को रखकर इलाज किया जा रहा है। लोग तीन बच्चों की वेंटिलेटर के कारण मौत होने का आरोप लगा रहे हैं।  हम लोगों से जितना हो सकता है। हम उतना इलाज कर रहे हैं। नवजात को वेंटिलेटर सपोर्ट की जरूरत पड़ती है। ऐसी स्थिति में हम नवजात को रिम्स रेफर कर देते हैं।

मेडिकल कॉलेज की सीसीयू, आईसीयू, एचडीयू, सर्जिकल आईसीयू जैसे संवेदनशील वार्डों की स्थिति और भी ज्यादा खराब है। यहां बेड मिलना काफी मुश्किल हो रहा है। 8 वार्ड की सीपीयू में मंगलवार को एक भी बेड खाली नहीं था। आईसीयू और एचडीयू की भी यही स्थिति थी।

नियोनेटल वार्मर क्या है? : शिशु रेडिएंट वार्मर का उपयोग आमतौर पर प्रसव कक्ष में नवजात शिशुओं को तापीय सहायता प्रदान करने के लिए, गंभीर रूप से बीमार शिशुओं के लिए, जिन्हें लगातार नर्सिंग की आवश्यकता होती है, तथा उपचार के दौर से गुजर रहे शिशुओं के लिए किया जाता है, जिन्हें लंबे समय तक ठंडे वातावरण में रहना पड़ता है। रिपोर्ट : अमन्य सुरेश (8340184438)

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