मुंबई : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोल्डप्ले और दिलजीत दोसांझ की दिल-लुमिनाती के बहुप्रतीक्षित कॉन्सर्ट के टिकटों की अवैध बिक्री के सिलसिले में पांच राज्यों, जिसमें दिल्ली, मुंबई, जयपुर के साथ-साथ चंडीगढ़ और बैंगलोर में तलाशी अभियान शुरू किया है. यह कदम अलग-अलग राज्यों में धोखाधड़ी वाली टिकट बिक्री के संबंध में कई FIR दर्ज किए जाने के बाद उठाया गया है.
कोल्डप्ले के “म्यूजिक ऑफ द स्फीयर्स वर्ल्ड टूर” और दिलजीत दोसांझ के “दिल-लुमिनाती” का हिस्सा रहे इन कॉन्सर्ट ने संगीत प्रेमियों में जबरदस्त उत्साह पैदा किया, जिसके कारण बुकमाईशो और जोमैटो लाइव जैसे आधिकारिक प्लेटफॉर्म पर टिकटों की बिक्री तेजी से हुई. हालांकि इस मांग के कारण टिकटों की अत्यधिक कीमतों पर कालाबाजारी भी हुई, जिसकी वजह से कई लोगों के साथ धोखाधड़ी की कई रिपोर्टें सामने आईं.
बुकमाईशो ने कई संदिग्धों के खिलाफ एक FIR दर्ज की, जिसमें आरोप लगाया गया कि वे उच्च मांग का फायदा उठाते हुए नकली टिकट बेचने और कीमतों को बढ़ाने में लगे हुए थे. ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत एक जांच शुरू की है और पांच राज्यों में 13 से अधिक स्थानों पर तलाशी ली है, जिसमें घोटाले में इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन, लैपटॉप और सिम कार्ड जैसी आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई है.
जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा, “देश भर के विभिन्न राज्यों में कई FIR दर्ज की गई हैं, जिनमें बुकमाईशो की ओर से दर्ज की गई एफआईआर (FIR) भी शामिल है, जिसमें कई संदिग्धों के खिलाफ कॉन्सर्ट में जाने वालों का शोषण करने का आरोप है. एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि ये लोग इन प्रतिष्ठित कॉन्सर्ट की उच्च मांग का फायदा उठाते हुए नकली टिकट बेचने और कीमतों में भारी बढ़ोतरी करने में लगे हुए हैं.”
ईडी की कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य अवैध टिकट बिक्री की जांच करना. इसके साथ ही इन घोटालों का समर्थन करने वाले वित्तीय नेटवर्क को उजागर करना और इन गतिविधियों से उत्पन्न अपराध की आय यानी पैसों का पता लगाना है. जांच से पता चला है कि कई व्यक्तियों ने नकली टिकट मुहैया कराने के लिए इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का भी भरपूर इस्तेमाल किया है.
ED ने कहा, “आम तौर पर, टिकट जोमैटो, बुकमाईशो और अन्य जैसे प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होते हैं. हालांकि, जब कॉन्सर्ट की मांग पहले से बहुत अधिक होती है, तो ये टिकट जल्दी बिक जाते हैं, जिससे लोग वैकल्पिक यानी अन्य सोर्स की तलाश करते हैं. ED की ओर से की गई तलाशी और जांच से ऐसे कई लोगों के बारे में जानकारी मिली है जो इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप और टेलीग्राम का उपयोग करके सोशल मीडिया के माध्यम से नकली टिकट सहित ऐसे टिकट उपलब्ध कराने के लिए जाने जाते हैं.”