नई दिल्ली : उत्तरी भारत में जोरदार भूकंप के झटके आए हैं. इसका केंद्र अफगानिस्तान-पाकिस्तान बॉर्डर के पास बताया जा रहा है. वहां पर भूकंप की तीव्रता 6.2 रिक्टर स्केल रही है. इसकी वजह से दिल्ली-एनसीआर समेत पाकिस्तान से लगने वाले उत्तरी भारत के इलाके भी कांप उठे. फिलहाल जान माल के नुकसान का पता नहीं चल सका है.
प्रारंभिक रिपोर्टों के मुताबिक, यह भूकंप अफ़ग़ानिस्तान के हिंदू कुश क्षेत्र में बासावुल के उत्तर में आया. इसका असर बड़े क्षेत्र में महसूस किया गया. जलालाबाद के पास तेज़ झटके की सूचना मिली है. भूकंप में बड़े नुकसान की आशंका जताई जा रही है. हालांकि अभी डिटेल सामने नहीं आई है.
अफगानिस्तान-पाकिस्तान बॉर्डर था. इसकी गहराई करीब 29 किमी आंकी गई. इसके असर की वजह से ताजिकिस्तान, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और भारत हिलकर रह गए.
जानकारी के मुताबिक, भारत क जम्मू कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप हालांकि 5-7 सेकंड तक ही रहा लेकिन इससे लोगों में डर फैल गया और वे अपने घरों से बाहर निकल आए.
न्यूज एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक, भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान का असदाबाद क्षेत्र बताया जा रहा है. यह शहर ताजिकिस्तान और भारत- पाकिस्तान के उत्तर में है. वहां पर भूकंप की तीव्रता 6.2 बताई जा रही है. हालांकि दिल्ली-एनसीआर तक आते-आते इसका असर काफी कम हो गया था.
भूकंप की वजह से अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत में तबाही की खबरें सामने आ रही हैं. वहां के दारा नूर जिले में भूकंप के चलते कई कच्चे मकान ढह गए, जिसके नीचे लोग दब गए. उनकी चीख-पुकार से हर किसी का दिल दहल उठा. देर रात तक दबे लोगों को बाहर निकालने का अभियान चल रहा था.
रविवार देर रात आए भूकंप की वजह से लोग बुरी तरह घबरा गए. डर की वजह से इस्लामाबाद, लाहौर, रावलपिंडी, गुजरांवाला, क्वेटा, पेशावर समेत तमाम शहरों में लोग घरों से बाहर निकल आए और अल्लाह से सब सही होने की दुआ मांगने लगे.
अफगानिस्तान के नांगरहार जिले के जन स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता नकीबुल्लाह रहीमी ने बताया कि जिले में एक साथ दो भूकंप आए हैं. इन भूकंप में 15 लोग दबकर घायल हो गए हैं. उन्हें उन्हें इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल ले जाया गया है. भूकंप 20 मिनट के अंतराल पर आए. इनमें दूसरे भूकंप की तीव्रता 4.5 थी और गहराई 10 किलोमीटर थी.
तालिबान शासित अफगानिस्तान में इससे पहले 7 अक्टूबर, 2023 को 6.3 तीव्रता का भूकंप आया था. जिसमें करीब 4,000 लोग मारे गए थे. हालांकि संयुक्त राष्ट्र संघ ने मृतकों की संख्या लगभग 1,500 बताई थी. इसके बाद अब 6 रिक्टर स्केल का यह दूसरा भूकंप आया है. इसमें असल नुकसान की जानकारी बाद में ही पता चल सकेगी.
वहीं पाकिस्तान के मौसम विभाग ने बताया कि सोमवार को दक्षिण-पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान में 6.0 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके झटके पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी ख़ैबर पख़्तूनख़्वा प्रांत के कई ज़िलों में महसूस किए गए. फिलहाल किसी के हताहत होने या संपत्ति के नुकसान की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है.
पाकिस्तानी अधिकारियों ने अपने नागरिकों को किसी भी अप्रिय घटना की सूचना आपातकालीन हेल्पलाइन 1700 पर देने की सलाह दी है. जिस जगह पर रविवार देर रात भूकंप आया, वह भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों की सीमा पर स्थित है. इस जगह पर अक्सर भूकंपीय गतिविधियां होती रहती हैं.
पाकिस्तान में इससे पहले अक्टूबर 2005 में 7.6 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप आया था. जिसने उत्तरी पाकिस्तान और कश्मीर के कुछ हिस्सों को तबाह कर दिया था. उस भूकंप में लगभग 73,000 से ज़्यादा लोग मारे गए थे और लगभग 35 लाख लोग बेघर हो गए थे.
एक्सपर्टों के मुताबिक, हमारी पृथ्वी कई टेक्नोटिक प्लेटों पर टिकी है. इन प्लेटों के नीचे तैरता हुआ गरम लावा है. इसी लावा के ऊपर ये प्लेट तैरती रहती हैं. जब ये प्लेट में टकराती हैं तो इससे भूकंप आ जाता है. कई बार ज्यादा दबाव पड़ने की वजह से भी ये प्लेट्स टूटने लग जाती हैं. इसकी वजह से नीचे से निकली ऊर्जा बाहर निकलने के लिए रास्ता खोजती है. ऐसी स्थिति में डिस्टर्बेंस होता है, जिससे भूकंप आ जाता है.
भूकंप को हमेशा रिक्टर स्केल में ही मापा जाता है. यह भूकंप की तरंगों की तीव्रता मापने का एक उचित गणितीय पैमाना माना जाता है. इसे दूसरे शब्दों में रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल भी कहा जाता है. इसे मापने के लिए भूकंप वाले केंद्र यानी एपीसेंटर से 1 से 9 तक पाइंट दिए जाते हैं. जितने ज्यादा पॉइंट होते हैं, उतना ही खतरनाक भूकंप माना जाता है. यह स्केल भूकंप के दौरान धरती के निकली ऊर्जा की तीव्रता को मापते हैं.