शारदा सिन्हा को मराणोपरांत पद्म विभूषण, पूर्व CJI खेहर व 68 अन्य पद्म पुरस्कार से सम्मानित

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नई दिल्ली : राष्ट्रपति भवन में आयोजित नागरिक अलंकरण समारोह-II में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पद्म पुरस्कार 2025 प्रदान किए हैं। देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक पद्म पुरस्कार तीन श्रेणियों – पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण में प्रदान किए जाते हैं। 

ये पुरस्कार कई विषयों जैसे कला, सामाजिक कार्य, सार्वजनिक मामले, विज्ञान और इंजीनियरिंग, व्यापार और उद्योग, चिकित्सा और साहित्य आदि में दिए जाते हैं। जिसमें भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर, नृत्यांगना शोभना चंद्रकुमार, अभिनेता अनंत नाग और प्रतिष्ठित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी की कुलपति सोनिया नित्यानंद समेत 68 प्रतिष्ठित हस्तियों को मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रतिष्ठित पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया।

इसमें लोक गायिका शारदा सिन्हा को कला-लोक संगीत के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया। उनके बेटे ने उनकी ओर से यह पुरस्कार ग्रहण किया।

बता दें कि, इस वर्ष 139 लोगों को पद्म पुरस्कारों के लिए चुना गया है। इस समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ कई केंद्रीय मंत्री और कई विशेष अतिथि भी मौजूद रहे। इस सूची में 7 पद्म विभूषण, 19 पद्म भूषण और 113 पद्म श्री पुरस्कार शामिल हैं। पुरस्कार विजेताओं में से 23 महिलाएं हैं और सूची में विदेशी/ एनआरआई/ पीआईओ/ ओसीआई श्रेणी के 10 व्यक्ति और 13 मरणोपरांत पुरस्कार विजेता भी शामिल हैं।

वहीं कुमुदिनी रजनीकांत लाखिया को कला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया। उनके पोते ने उनकी ओर से यह पुरस्कार ग्रहण किया।

साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए बिबेक देबरॉय को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मरणोपरांत पद्म भूषण से सम्मानित किया है। उनकी पत्नी ने उनकी ओर से यह पुरस्कार ग्रहण किया। बिबेक देबरॉय एक अर्थशास्त्री थे, जिन्होंने प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया और वे उल्लेखनीय कार्यों के लेखक भी हैं।

पद्म विभूषण असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए, पद्म भूषण उच्च कोटि की विशिष्ट सेवा के लिए और पद्म श्री किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट सेवा के लिए दिया जाता है। पुरस्कारों की घोषणा हर साल गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर की जाती है।
वहीं न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जगदीश सिंह खेहर को सार्वजनिक मामलों के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से पद्म विभूषण सम्मान दिया गया है।

डॉ. शोभना चंद्रकुमार को कला-लोक नृत्य के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से पद्म भूषण सम्मान मिला।

वहीं साध्वी ऋतंभरा को सामाजिक कार्य के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से पद्म भूषण सम्मान मिला।

इससे पहले 28 अप्रैल को राष्ट्रपति मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन के गणतंत्र मंडप में आयोजित नागरिक अलंकरण समारोह-I में वर्ष 2025 के लिए 4 पद्म विभूषण, 10 पद्म भूषण और 57 पद्म श्री पुरस्कार प्रदान किए थे।

ग्रैमी पुरस्कार विजेता संगीतकार रिकी केज को कला-संगीत के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पद्मश्री पुरस्कार दिया।

राष्ट्रपति ने मंगलवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित अन्य की मौजूदगी में राष्ट्रपति भवन में दूसरे नागरिक अलंकरण समारोह में 68 चुने हुए लोगों को पुरस्कार प्रदान किए। 

राष्ट्रपति ने समारोह के दौरान नौ पद्म भूषण, तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान भी प्रसिद्ध हस्तियों को प्रदान किया, जिनमें नृत्यांगना और अभिनेता शोभना चंद्रकुमार, व्यवसायी नल्ली कुप्पुस्वामी चेट्टी, पुरातत्वविद् कैलाश नाथ दीक्षित, नर्तक जतिन गोस्वामी, अभिनेता अनंत नाग और साध्वी ऋतंभरा शामिल थीं। अर्थशास्त्री बिबेक देबरॉय और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और लोकसभा अध्यक्ष मनोहर जोशी को यह सम्मान देबरॉय की पत्नी और जोशी के बेटे ने ग्रहण किया।

पद्म श्री पाने वालों में प्रमुख इम्यूनोलॉजिस्ट और केजीएमयू के कुलपति नित्यानंद, फुटबॉलर इनिवलप्पिल मणि विजयन, गायिका अश्विनी भिडे देशपांडे, अभिनेता अशोक लक्ष्मण सराफ, मुखौटा निर्माता रेबा कांता महंत और संगीतकार रिकी ज्ञान केज शामिल थे। 

प्रसिद्ध रंगमंच कलाकार और अभिनय प्रशिक्षक बैरी जॉन, लोक संगीतकार और प्रसिद्ध पराई वादक वेलु आसन, व्यवसायी सज्जन भजनका, डॉ. नीरजा भटला, वैज्ञानिक अजय वी भट्ट, लेखक संत राम देसवाल, आध्यात्मिक नेता आचार्य जोनास मेजेट्टी और फारूक अहमद मीर अन्य पद्म श्री पुरस्कार विजेताओं में शामिल थे। 

ये पुरस्कार कला, सामाजिक कार्य, सार्वजनिक मामले, विज्ञान और इंजीनियरिंग, व्यापार और उद्योग, चिकित्सा, साहित्य और शिक्षा, खेल और सिविल सेवा जैसे विभिन्न विषयों और क्षेत्रों में दिए जाते हैं। पद्म विभूषण असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए दिया जाता है; पद्म भूषण उच्च कोटि की विशिष्ट सेवा के लिए और पद्म श्री किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट सेवा के लिए दिया जाता है।

2014 में जब से नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आई है, तब से उसने पद्म पुरस्कारों से सम्मानित करके “गुमनाम नायकों” को सम्मानित करना शुरू कर दिया है, इस प्रकार पद्म पुरस्कारों को “लोगों के पद्म” में बदल दिया है। इस वर्ष, 30 ‘गुमनाम नायकों’ को पद्म पुरस्कार दिए गए।

जाति, व्यवसाय, पद या लिंग के भेदभाव के बिना सभी व्यक्ति इन पुरस्कारों के लिए पात्र हैं। महिलाओं, समाज के कमजोर वर्गों, अनुसूचित जातियों और जनजातियों, दिव्यांग व्यक्तियों में से ऐसे प्रतिभाशाली व्यक्तियों की पहचान करने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं जिनकी उत्कृष्टता और उपलब्धियां वास्तव में पहचाने जाने योग्य हैं और जो समाज के लिए निस्वार्थ सेवा कर रहे हैं।