फ्रांस के बाद अब इजरायल के खिलाफ खड़े हुए कनाडा और माल्टा

France-Isreal

संयुक्त राष्ट्र : फ्रांस के बाद अब कनाडा और माल्टा ने भी बुधवार को इजरायल को झटका देने वाला फैसला लिया है। इन दोनों देशों ने घोषणा करते हुए कहा कि वे सितंबर में फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता देंगे। यह कदम फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम के साथ मिलकर लगभग 80 वर्षों से चल रहे इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष को समाप्त करने के लिए दबाव बढ़ाने का एक नया प्रयास है।

माल्टा के विदेश मंत्रालय के स्थायी सचिव क्रिस्टोफर कुटाजर ने पहले ही संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में यह घोषणा कर दी थी। कुटाजर ने कहा कि माल्टा लंबे समय से फिलिस्तीनी लोगों के आत्म-निर्णय के अधिकार का समर्थन करता रहा है और जिम्मेदार भूमिका निभाने वाले देशों के रूप में हमारा कर्तव्य है कि हम दो-राज्य समाधान की अवधारणा को सिद्धांत से व्यवहार में लाएं। उन्होंने कहा, “इसी कारण से माल्टा की सरकार ने यह सैद्धांतिक निर्णय लिया है कि वह सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा में फिलिस्तीन को औपचारिक रूप से मान्यता देगी।”

कनाडा के पीएम कार्नी ने कहा कि उनका देश यह घोषणा विश्व नेताओं की वार्षिक बैठक में करेगा। यह बैठक 23 सितंबर से शुरू होगी।

उन्होंने कहा कि यह मान्यता इस शर्त पर आधारित है कि फिलिस्तीनी प्राधिकरण 2026 में आम चुनाव कराएगा, जिसमें हमास की कोई भूमिका नहीं होगी और फिलिस्तीनी राज्य को गैर-सैन्यीकृत किया जाएगा। फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने 10 जून को दिए एक पत्र में इन वादों का उल्लेख किया था, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि कार्नी इससे आगे और क्या चाहते हैं।

माल्टा के प्रधानमंत्री रॉबर्ट अबेला ने अपने देश के फैसले की घोषणा पहले फेसबुक पर की। उन्होंने कहा कि यह निर्णय मध्य पूर्व में स्थायी शांति लाने के प्रयासों का हिस्सा है। यह भूमध्यसागरीय द्वीपीय देश और यूरोपीय संघ का सदस्य अब 145 से अधिक देशों के साथ शामिल हो जाएगा, जिनमें दर्जनों यूरोपीय देश भी शामिल हैं, जिन्होंने पहले ही फिलिस्तीन को एक राज्य के रूप में मान्यता दे दी है।