गया-NewsXpoz : मौसम विभाग के द्वारा जारी किये गये एडवाइजरी के बाद बिहार-झारखंड के सीमावर्ती क्षेत्रों में बीती रात हुए मूसलाधार बारिश से सीमावर्ती क्षेत्रों के नदियों में उफान आ गया। वहीं गया जिले के बाराचट्टी प्रखंड के दिवनिया गांव मे गुलसकरी नदी पर बना पुल पानी की तेज धार में ध्वस्त हो गया। इसके बाद वहां गांव वालों की काफी भीड़ जमा हो गई। वहीं पुल ध्वस्त होने से आस-पास लगभग 15 हजार की आबादी का जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। पानी के स्तर में बढ़ोतरी होने से गांव के आंगनबाड़ी केंद्र भवन में पानी घुस गया, जिससे आंगनबाड़ी केंद्र में रखे समान भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है।
ग्रामीणों के शिकायत पर संवेदक ने पुल का करवाया था मरम्मत : इस संबंध में स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि आठ साल पहले ग्रामीण कार्य विभाग शेरघाटी कार्य प्रमंडल 2 के द्वारा लगभग 15 लाख की लागत से इस पुल को बनाया गया था। जिसकी लंबाई लगभग 15 फीट है। ग्रामीणों का कहना है कि पुल निर्माण के समय उन लोगों ने यह सवाल उठाया था कि इस नदी पर इतना छोटा पुल बनाए जाने का क्या मतलब है? पुल निर्माण के समय ग्रामीणों ने कहा था कि यह पुल ज्यादा दिन नहीं टिकेगा और ऐसा ही हुआ। पुल बनने के कुछ दिन के बाद ही पुल क्षतिग्रस्त हो गया था। जिस पर ग्रामीणों ने लोक शिकायत में आवेदन दिया था। लोक शिकायत में आवेदन देने पर संवेदक के द्वारा पुल की मरम्मत करवाई गई थी।
आवागमन का है मुख्य रास्ता : पुल के धंस जाने से किसानों को बाजार आने-जाने एवं स्कूली वाहनों का आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया है, जिससे बच्चों का पठन-पाठन भी प्रभावित हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि तत्काल अगर कोई व्यवस्था नहीं की गई तो ग्रामीणों का जीवन ठहर सा जाएगा। लोगों का कहना है कि मुख्य रास्ता होने की वजह से लोग अपने जान को जोखिम में डालकर उसी धंसे पुल पर चढ़कर पैदल पार कर रहे हैं।
कैबिनेट मंत्री और पदाधिकारियों से की है मांग : इस संबंध में मुखिया राजू यादव ने बताया कि पुल धंसने की जानकारी स्थानीय विधायक ज्योति देवी, जिला परिषद उपाध्यक्ष डॉ शीतल प्रसाद यादव, बीडीओ अभिषेक कुमार आशीष को दी गई है। तत्काल आपदा प्रबंधन के तहत वैकल्पिक व्यवस्था करवाने तथा शीघ्र ही बड़े पुल का निर्माण करवाने की मांग की गई है। राजू यादव ने कहा कि हम लोग के स्थानीय सांसद जीतन राम मांझी केंद्र में कैबिनेट मंत्री हैं। उनके समधन ज्योति देवी स्थानीय विधायक हैं। हमलोग उनसे मांग करते हैं कि शीघ्र इन समस्याओं का समाधान करें ताकि आम ग्रामीणों को किसी प्रकार का जोखिम नही उठाना पड़े।