GST@2.0 : आज से जीएसटी की नई दरें लागू, दवा-रसोई के सामान-वाहन हुए सस्ते; आम लोगों को राहत

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नई दिल्ली : जीएसटी की नई दरें नवरात्र के पहले दिन यानी आज  से लागू हो रही हैं। अब जीएसटी के 5 फीसदी और 18 फीसदी के सिर्फ दो स्लैब रह गए हैं। नई दरें लागू होने के साथ रसोई के सामान से लेकर दवाइयां, गाड़ियां, कपड़े, मकान खरीदना-बनवाना, बीमा उत्पाद और एसी-टीवी जैसे कई उत्पाद सस्ते हो गए हैं।

इसके अलावा, दूध के टेट्रापैक, रोटी, खाखरा, निजी स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा उत्पादों, पढ़ाई-लिखाई से जुड़ीं कुछ चीजों और 33 से अधिक जीवनरक्षक दवाओं को जीएसटी से मुक्त कर दिया गया है। आम आदमी तक कर राहत पहुंचे, इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारें कड़ी निगरानी कर रही हैं।

एलजी, सोनी, पैनासोनिक ने 43 से 100 इंच स्क्रीन वाले टीवी के दाम 2,500 रुपये से 85,800 रुपये तक घटाए हैं। एसी पर भी 2,500 से लेकर 8 हजार से ज्यादा तक की बचत होगी।

वाहनों पर भारी फायदा…एसी-टेलीविजन पर भी बचत : दोपहिया से लेकर कार और ट्रैक्टर तक पर टैक्स घटा है। आम लोगों की पहुंच वाली ज्यादातर कारें सस्ती हो गई हैं। मारुति, टाटा, ह्यूंडई, महिंद्रा एंड महिंद्रा, फॉक्सवैगन और हीरो जैसी कंपनियों ने कीमतों में भारी-भरकम कटौती की है। यह कीमतें कोरोना के पहले से भी सस्ती हो गई हैं।

नई दरों के प्रभावी होने से रोजमर्रा के उपयोग वाली वस्तुओं समेत 99 फीसदी सामान अब 5% के स्लैब में आ गए हैं। पहले इन पर 12% और 18% तक टैक्स लगता था। इसमें बटर, पनीर, मिठाइयां और नमकीन स्नैक्स शामिल हैं। बिस्किट, आइसक्रीम, साबुन और टूथपेस्ट जैसे कई उत्पादों पर भी 18% की जगह 5% टैक्स लगेगा। प्रॉक्टर एंड गैंबल, हिंदुस्तान यूनिलीवर, लॉरियल, आईटीसी, पीएंडजी, एचयूएल और ब्रिटानिया जैसी कंपनियों ने नई कीमतों की घोषणा की है।

जीएसटी की नई दरें नवरात्र के पहले दिन यानी आज  से लागू हो रही हैं। अब जीएसटी के 5 फीसदी और 18 फीसदी के सिर्फ दो स्लैब रह गए हैं। नई दरें लागू होने के साथ रसोई के सामान से लेकर दवाइयां, गाड़ियां, कपड़े, मकान खरीदना-बनवाना, बीमा उत्पाद और एसी-टीवी जैसे कई उत्पाद सस्ते हो गए हैं। इसके अलावा, दूध के टेट्रापैक, रोटी, खाखरा, निजी स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा उत्पादों, पढ़ाई-लिखाई से जुड़ीं कुछ चीजों और 33 से अधिक जीवनरक्षक दवाओं को जीएसटी से मुक्त कर दिया गया है। आम आदमी तक कर राहत पहुंचे, इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारें कड़ी निगरानी कर रही हैं।