झारखंड : CM की शपथ लेते ही एक्शन में हेमंत, मईया सम्मान योजना की राशि बढ़ाई

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रांची : हेमंत सोरेन चौथी बार झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले चुके हैं और सीएम पद संभालते ही उन्होंने काम करना भी शुरू कर दिया है। उन्होंने गुरुवार को शाम चार बजे सीएम की शपथ ली और इसके बाद ऐलान किया कि दिसंबर से मंईयां सम्मान योजना के तहत प्रत्येक महिला लाभार्थी के बैंक खाते में 2,500 रुपये हर महीने जमा किए जाएंगे। वर्तमान में सरकार इस योजना के तहत 18-50 आयु वर्ग की महिलाओं को 1,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इसके अलावा उन्होंने एक मुठभेड़ में जान गंवाने वाले अग्निवीर के भाई को नियुक्ति पत्र भी सौंपा।

सोरेन ने अपनी सरकार के मंत्रिमंडल की पहली बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने पहले ही निर्णय लिया था कि दिसंबर से इस योजना के तहत प्रत्येक महिला लाभार्थी को 2,500 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। अब दिसंबर से हर महीने महिला लाभार्थियों के बैंक खातों में यह राशि जमा की जायेगी।’’ मुख्यमंत्री ने हालांकि कहा कि यह निर्णय ‘मंत्रिमंडल की बैठक’ में लिया गया, लेकिन दिन में किसी भी मंत्री ने शपथ नहीं ली। बाद में मुख्यमंत्री सचिवालय द्वारा जारी एक बयान में यह भी कहा गया कि यह निर्णय मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।

झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाली सरकार ने इस वर्ष अगस्त में यह योजना शुरू की थी जिससे राज्य की 50 लाख से अधिक महिलाएं लाभान्वित हुईं। चुनाव विश्लेषकों के अनुसार हाल में हुए झारखंड विधानसभा चुनाव में ‘इंडिया’ गठबंधन की जीत सुनिश्चित करने में मंईयां सम्मान योजना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

मंत्रिमंडल ने असम के चाय बागान में कार्यरत झारखंड मूल के जनजातीय समूह की दशा एवं उन्हें भविष्य में दी जाने वाली सुविधा के अध्ययन के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के गठन को मंजूरी दी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बांग्लादेश से मुसलमानों की कथित तौर पर बड़े पैमाने पर घुसपैठ के कारण झारखंड के आदिवासी समुदाय की ‘‘दुर्दशा’’ का मुद्दा बार-बार उठाया था। शर्मा झारखंड के लिए भाजपा के चुनाव सह-प्रभारी थे।

सोरेन ने मंत्रिमंडल की अपनी पहली बैठक के निर्णयों के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए कहा, ‘‘असम में झारखंड की जनजातियों को हाशिए पर रखा जा रहा है। वहां बड़ी संख्या में झारखंड के मूल निवासी रह रहे हैं। हमने निर्णय लिया है कि एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल वहां की जमीनी स्थिति का अध्ययन करेगा। प्रतिनिधिमंडल झारखंड सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।’’ मंत्रिमंडल ने राज्य के राजस्व में वृद्धि के लिए नए स्रोत ढूंढने तथा खनन क्षेत्र में लागू पुराने करों में वृद्धि करने के लिए वित्त विभाग में एक विशेष प्रकोष्ठ स्थापित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी।

हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली मंत्रिमंडल ने पुलिस भर्ती के लिए भविष्य की परीक्षा प्रक्रिया की समीक्षा करने का भी फैसला किया और जेपीएससी, जेएसएससी और अन्य प्राधिकार को सभी रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए जनवरी 2025 से पूर्व एक परीक्षा कैलेंडर प्रकाशित करने का निर्देश दिया। हेमंत सोरेन ने गुरुवार को यहां एक भव्य समारोह में राज्य के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।

इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी समेत ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) गठबंधन के कई नेता मौजूद थे। झामुमो नेता हेमंत सोरेन (49) रिकॉर्ड चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं। झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 81-सदस्यीय विधानसभा में 56 सीट हासिल कर अपना बहुमत बनाए रखा, जबकि भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को 24 सीट मिलीं।

झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के तुरंत बाद हेमंत सोरेन ने असम के सिलचर में 22 नवंबर को एक मुठभेड़ में जान गंवाने वाले अग्निवीर अर्जुन महतो के भाई को नियुक्ति पत्र सौंपा। सोरेन ने इसके साथ ही अग्निवीर अर्जुन महतो के परिवार के लिए राज्य सरकार की ओर से दी जाने वाली अनुग्रह राशि के तहत महतो की मां हुलासी देवी को 10 लाख रुपये का चेक भी सौंपा।

बोकारो जिले के चंदनकियारी निवासी अर्जुन महतो अग्निवीर योजना के तहत भारतीय सेना में सेवारत थे। सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार ने ड्यूटी या सैन्य अभियानों के दौरान जान गंवाने वाले झारखंड के अग्निवीर सैनिकों के परिजनों को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और एक सरकारी नौकरी देने का पहले ही फैसला किया था।

सोरेन ने राज्य सचिवालय में संवाददाताओं से कहा, ‘‘अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप हमने शहीद अग्निवीर अर्जुन महतो के परिवार को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान की है। उनके भाई बलराम महतो को भी नियुक्ति पत्र सौंपा गया है, जिन्हें बोकारो कलेक्ट्रेट में चतुर्थ श्रेणी के पद पर नियुक्त किया गया है।’’ उन्होंने आश्वासन दिया कि महतो के परिवार को सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा। 

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार ने पहले ही शहीद अग्निवीर के एक आश्रित को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और सरकारी नौकरी देने का नीतिगत निर्णय लिया था।’’ पूर्ववर्ती राज्य मंत्रिमंडल ने 29 अगस्त को इस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी और इस संबंध में नौ सितंबर को एक परिपत्र जारी किया गया था।