रांची : झारखंड के 13वें मुख्यमंत्री के रूप में सत्ता संभालने वाले हेमंत सोरेन आठ जुलाई को विधानसभा में विश्वास मत हासिल करेंगे। बहुमत साबित करने के बाद सोमवार को ही सोरेन अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे। उन्होंने 4 जुलाई को तीसरी बार बतौर मुख्यमंत्री शपथ ली थी।
शपथ लेने के पांच महीने बाद ही चंपई सोरेन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। चंपई सोरेन ने इस वर्ष 2 फरवरी को झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। हेमंत सोरेन को कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में झारखंड हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद करीब पांच महीने बाद 28 जून को बिरसा मुंडा जेल से रिहा किया गया था।
31 जनवरी को गिरफ्तारी से पहले उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्हें जनवरी में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित भूमि घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित आरोपों में गिरफ्तार किया था। 2019 में, झामुमो ने कांग्रेस और लालू प्रसाद की राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ गठबंधन में विधानसभा चुनाव लड़ा और 81 सदस्यीय सदन में 47 सीटों के साथ बहुमत हासिल किया था।
झारखंड का मुख्यमंत्री बनने के बाद हेमंत सोरेन ने कहा था, ‘2019 से ही वर्तमान महागठबंधन सरकार ने झारखंड की जनता के हित को देखते हुए ही सभी काम किए हैं। राजनीतिक उतार-चढ़ाव के दौरान चंपई सोरेन ने उन्हीं पहलों को आगे बढ़ाया। अब कोर्ट के आदेश के बाद मैं बाहर आ सका हूं।’
उधर झारखंड के कांग्रेस नेता अजय कुमार का कहना है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता हेमंत सोरेन, इस वर्ष राज्य में होने वाले वाले विधानसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन (इंडिया) का चेहरा होंगे। अजय कुमार ने कहा कि हेमंत सोरेन को बिना किसी सबूत के पांच महीने तक जेल में रखा गया। इस वजह से दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्गों में नाराजगी है।