नई दिल्ली : तटरक्षक बल में एक नया गश्ती पोत आईसीजीएस अक्षर को शामिल किया गया। यह गश्ती पोत देश के समुद्री क्षेत्र की निगरानी और खोजबीन करने के अलावा बचाव संबंधी अभियानों में मददगार होगा। साठ फीसदी से ज्यादा स्वदेशी सामग्री वाले इस पोत का निर्माण गोवा शिपयार्ड लिमिटेड ने पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से किया है। रक्षा मंत्रालय की अपर सचिव दीप्ति मोहित चावला ने पुडुचेरी के कराईकल में एक समारोह में पोत का जलावतरण किया। इस अवसर पर तटरक्षक बल के पूर्वी समुद्री सीमा के कमांडर एडीजी डॉनी माइकल सहित केंद्र एवं राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
यह पोत 51 मीटर लंबा यह पोत अदम्य श्रेणी के आठ तेज गश्ती पोतों में दूसरा है। पोत का वजन करीब 320 टन है और यह दो 3,000 किलोवाट डीजल इंजनों से संचालित होता है। इसकी अधिकतम गति 27 नॉट (करीब 50 किमी/घंटा) है। साथ ही इसकी रेंज 1500 समुद्री मील है। इसमें स्वदेशी रूप से विकसित कंट्रोलेबल पिच प्रोपेलर और गियरबॉक्स लगे हैं, जो समुद्र में बेहतर गतिशीलता प्रदान करते हैं। जिस पर 6 अधिकारी और 35 जवान तैनात रहेंगे।
‘आईसीजीएस अक्षर’ अत्याधुनिक तकनीक से लैस है, जिसमें बेहतर संचालन क्षमता के लिए स्वदेशी रूप से विकसित कंट्रोल करने योग्य पिच प्रोपेलर और गियर बॉक्स शामिल हैं।
अक्षर में एक 30 एमएम की सीआरएन 91 गन और दो 12.7 एमएम की स्टैबिलाइज्ड रिमोट कंट्रोल गन लगाई गई हैं। साथ ही पोत में आधुनिक फायर कंट्रोल सिस्टम भी लगाया गया है। इसके अलावा इसमें इंटीग्रेटेड ब्रिज सिस्टम, इंटीग्रेटेड प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम और ऑटोमेटेड पावर मैनेजमेंट सिस्टम जैसी अत्याधुनिक प्रणालियां भी लगी हैं। आईसीजीएस अक्षर को कराईकल में तैनात किया जाएगा और यह पोत कोस्ट गार्ड रीजन (ईस्ट) के कमांडर के नियंत्रण में कार्य करेगा।