धनबाद : सेंसर, सॉफ्टवेयर और स्वायत्त प्रौद्योगिकियों को मिलाकर डिजिटल रियलिटी समाधानों में वैश्विक अग्रणी नाम हेक्सागन ने टेक्नोलॉजी इनोवेशन इन एक्सप्लोरेशन एंड माइनिंग फाउंडेशन (टेक्समिन), आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के साथ मिलकर इस क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने की घोषणा की है। इसका शुभारंभ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) से हुआ।
जिसका उद्घाटन पद्म भूषण डॉ. वी के सारस्वत, (सदस्य, नीति आयोग, भारत सरकार), प्रमोद कौशिक (अध्यक्ष, हेक्सागन इंडिया), मनोज शर्मा (निदेशक विपणन और बिक्री उत्कृष्टता, हेक्सागन इंडिया), प्रो. सुकुमार मिश्रा (निदेशक, आईआईटी (आईएसएम) धनबाद और अध्यक्ष, हब गवर्निंग बोर्ड, टेक्समिन फाउंडेशन), प्रो. धीरज कुमार (उप. आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के निदेशक और टेक्समिन फाउंडेशन के परियोजना निदेशक) के साथ इस मौके पर समाज की कई अन्य प्रतिष्ठित हस्तियां इसमें शामिल हुए।
मीडिया से बात करते हुए, हेक्सागन इंडिया के अध्यक्ष प्रमोद कौशिक ने कहा, “हेक्सागन इंडिया में हम अत्याधुनिक डिजिटल समाधानों के माध्यम से उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए नए आईडिया को बढ़ावा देने और उद्योगों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। टेक्समिन, आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के साथ यह साझेदारी एआई, आईओटी और भू-स्थानिक विश्लेषण जैसी अत्याधुनिक तकनीकों के साथ खनन क्षेत्र में कई अत्याधुनिक बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। हमारा लक्ष्य एक साथ मिलकर एक संपन्न पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है, जो न केवल खनन में मौजूदा चुनौतियों का समाधान करता है, बल्कि भारत को टिकाऊ और प्रौद्योगिकी-संचालित खनन समाधानों में वैश्विक लीडर के रूप में स्थापित करता है।
इस अवसर पर आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के उप निदेशक और टेक्समिन फाउंडेशन के परियोजना निदेशक प्रो. धीरज कुमार ने कहा, आज, साइबर-भौतिक प्रणालियों का लाभ उठाने वाले किसी भी उद्योग में परिवर्तन की कल्पना करना एआई, आईओटी और बड़े डेटा एनालिटिक्स जैसी अत्याधुनिक तकनीकों को एकीकृत किए बिना लगभग असंभव है। टेक्समिन-हेक्सागन सीओसी की पहल का उद्देश्य खनन 4.0 के युग की नींव रखना है, जिससे खनन क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीक और कम्प्यूटेशनल शक्ति लाई जा सके। यदि यह प्रयोग सफल रहा, तो यह सहयोग खनन में क्रांति लाने, दक्षता, सुरक्षा और स्थिरता को पहले से अकल्पनीय तरीकों से आगे बढ़ाने में एक आधारभूत कदम होगा।
मीडिया से बात करते हुए, हेक्सागन इंडिया के मार्केटिंग और बिक्री उत्कृष्टता निदेशक मनोज शर्मा ने कहा, टेक्समिन, आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के साथ हमारा सहयोग खनन उद्योग के लिए नए विचारों को बढ़ावा देने और परिवर्तनकारी समाधान प्रदान करने के लिए हेक्सागन इंडिया की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। एआई और आईओटी जैसी अगली पीढ़ी की तकनीकों का लाभ उठाकर हमारा लक्ष्य खनन मूल्य श्रृंखला में परिचालन दक्षता, सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ाना है। यह पहल केवल तकनीकी उन्नति के बारे में नहीं है बल्कि यह इस उद्योग के पेशेवरों, शोधकर्ताओं और छात्रों के लिए खनन के नए तकनीक के भविष्य का नेतृत्व करने के अवसर पैदा करने के बारे में है।
इस साझेदारी से खनन, अन्वेषण और संबद्ध तकनीकों को लेकर टेक्समिन के गहन ज्ञान के साथ हेक्सागन की अत्याधुनिक तकनीकी क्षमताओं को बढ़ावा मिलेगा।
हेक्सागन के बारे में: हेक्सागन डिजिटल, रियलिटी समाधानों में वैश्विक अग्रणी संस्था है, जो सेंसर, सॉफ्टवेयर और स्वायत्त प्रौद्योगिकियों को जोड़ती है। हम औद्योगिक, विनिर्माण, बुनियादी ढांचे, सार्वजनिक क्षेत्र और गतिशीलता अनुप्रयोगों में दक्षता, उत्पादकता, गुणवत्ता और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए डेटा का उपयोग करते रहे हैं। एक स्केलेबल, टिकाऊ भविष्य सुनिश्चित करने को लेकर हमारी प्रौद्योगिकियां उत्पादन और लोगों से संबंधित पारिस्थितिकी तंत्र को तेजी से कनेक्टेड और स्वायत्त बनाने के लिए आकार दे रही हैं।
टेक्समिन, आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के बारे में: टेक्नोलॉजी इनोवेशन इन एक्सप्लोरेशन एंड माइनिंग फाउंडेशन ( टेक्समिन) भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा राष्ट्रीय के तत्वावधान में आईआईटी (आईएसएम) धनबाद में स्थापित एक सेक्शन -8 कंपनी है। टेक्समिन का लक्ष्य आईओटी, एआई/एमएल, ब्लॉकचेन, ड्रोन, रोबोटिक्स और सैटेलाइट इमेजरी जैसी साइबर-भौतिक प्रणालियों का उपयोग करके व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य खनिज अन्वेषण और खनन समाधान विकसित करना है।