IND vs NZ : श्रीलंका के बाद न्यूजीलैंड के खिलाफ भी गंवाई सीरीज

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मुंबई : न्यूजीलैंड ने रविवार को तीसरा टेस्ट मैच 25 रन से जीतकर भारत का सूपड़ा साफ कर दिया। रोहित शर्मा की सेना को यह सीरीज 0-3 से गंवानी पड़ी। गौतम गंभीर के मुख्य कोच बनने के बाद यह पहला मौका है जब भारत को अपने घर में टेस्ट सीरीज में कभी न भूलने वाली शिकस्त मिली है। इससे पहले गंभीर की ही कोचिंग में टीम इंडिया को श्रीलंका के हाथों वनडे सीरीज में 2-0 से मात मिली थी। ऐसे में सवाल उठने लाजमी हैं।

टी20 विश्व कप 2024 में भारतीय टीम की जीत के साथ मुख्य कोच राहुल द्रविड़ का कार्यकाल समाप्त होने के बाद पूर्व भारतीय ओपनर गौतम गंभीर को बीसीसीआई ने यह जिम्मेदारी सौंपी। बतौर मुख्य कोच उनका पहला असाइनमेंट श्रीलंका का दौरा था। इस दौरान दोनों टीमों के बीच तीन टी20 और इतने ही मैचों की वनडे सीरीज खेली गई। सूर्यकुमार यादव के नेतृत्व में भारत ने मेजबानों को 3-0 से टी20 सीरीज में हराया। हालांकि, रोहित शर्मा के नेतृत्व में भारतीय टीम को 2-0 सीरीज गंवानी पड़ी।

गौतम गंभीर के मुख्य कोच बनने के बाद भारतीय टीम के नाम कई शर्मनाक रिकॉर्ड दर्ज हुए हैं। जैसे कि 27 साल बाद भारत को श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज में हार मुंह देखना पड़ा। इसके बाद 12 साल बाद भारत को घर पर किसी टेस्ट सीरीज में शिकस्त मिली। वहीं, इतिहास में पहली बार तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में भारत का किला ध्वस्त हो गया। ऐसे तमाम रिकॉर्ड्स टीम इंडिया के नाम दर्ज हो गए हैं। इनमें भारतीय फैंस के बीच काफी निराशा है।

श्रीलंका और न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज में अभूतपूर्व हार ने गौतम गंभीर को भारतीय टीम का मुख्य कोच नियुक्त होने के तीन महीने बाद ही भारी दबाव में डाल दिया है। गंभीर को ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए चयन समिति की बैठक में भी शामिल किया गया था। टीम इंडिया के साथ उनके शुरुआती रिपोर्ट कार्ड से साफ पता चलता है कि भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज के लिए चीजें अच्छी नहीं दिख रही हैं।

गंभीर को टीम चयन मामलों में भी काफी छूट दी गई है और ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अगर टीम के प्रदर्शन में बड़ा सुधार नहीं होता है तो आने वाले समय में टीम से संबंधित मुद्दों पर उतनी अहम भूमिका नहीं निभा पाएंगे। भारत का इससे पहले कभी भी तीन या उससे अधिक मैचों की सीरीज में सूपड़ा साफ नहीं हुआ था। टीम के साथ कोच केवल योजना ही बना सकता है लेकिन स्पिनरों के खिलाफ भारतीय बल्लेबाजों की कमजोरी जानने के बावजूद मुंबई में पूरी तरह से स्पिनरों की मददगार पिच के चयन करने पर उन पर सवाल उठ रहे हैं।

गंभीर हर परिस्थिति में खिलाड़ियों से एक ही जैसा रवैया चाहते है, जिसे भारतीय क्रिकेट से करीब से जुड़े लोगों के लिए भी समझना मुश्किल है। मुंबई में न्यूजीलैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट की दूसरी शाम तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज को नाइट वॉचमैन के रूप में भेजने और पहली पारी में सरफराज खान को आठवें नंबर पर भेजने पर सहमति कुछ ऐसे रणनीतिक कदम हैं जिन पर हर कोई सवाल उठा रहा है।

बीसीसीआई के एक सूत्र ने गोपनीयता की शर्त पर समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, “गौतम गंभीर को ऐसा अधिकार दिया गया जो उनके पूर्ववर्ती रवि शास्त्री और राहुल द्रविड़ के पास नहीं थी। बीसीसीआई के नियमों के तहत कोच को चयन समिति की बैठकों का हिस्सा बनने की अनुमति नहीं होती है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया दौरे की चयन बैठक में उन्हें शामिल किया गया। इस दौरे की अहमियत को देखते हुए मुख्य कोच को इसमें भाग लेने की अनुमति दी गई थी।”

कोलकाता नाइटराइडर्स के तेज गेंदबाज हर्षित राणा और सनराइजर्स हैदराबाद के ऑलराउंडर नीतीश रेड्डी उन दो खिलाड़ियों में शामिल हैं जिन्हें मुख्य कोच की मांग पर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए टीम में चुना गया। ऑस्ट्रेलिया सीरीज गंभीर के लिए एक कठिन परीक्षा होगी। बता दें कि, भारतीय टीम इस महीने के अंत में शुरू होने वाली पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए ऑस्ट्रेलिया का दौरा करेगी। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के लिहाज से यह सीरीज भारत के लिए काफी अहम है। फाइनल में पहुंचने के लिए टीम को अब पांच में चार मुकाबले हर हाल में जीतने होंगे जबकि एक मैच ड्रॉ कराना होगा।

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