फेजरगंज/कोलकाता : भारत और बांग्लादेश के बीच मानवीय हितों को ध्यान में रखते हुए मंगलवार को समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) पर मछुआरों और नावों की अदला-बदली की गई। भारतीय तटरक्षक बल की मदद से बांग्लादेश में पकड़े गए 47 भारतीय मछुआरे और तीन भारतीय मछुआरा नौकाएं स्वदेश वापस लाई गईं।
वहीं भारत ने भी परस्पर सहयोग के तहत 32 बांग्लादेशी मछुआरों और एक मछुआरा नाव को रिहा कर बांग्लादेश तटरक्षक बल के हवाले किया। यह आदान-प्रदान बंगाल की खाड़ी में भारतीय तटरक्षक जहाज ‘विजया’ की मौजूदगी में संपन्न हुआ।
जानकारी के मुताबिक विदेश मंत्रालय की मंजूरी के बाद यह प्रक्रिया शुरू की गई थी। इसके तहत भारतीय मछुआरों को बांग्लादेश के जहाजों कमरुज्जमां और साधीन बंगला के बीच आईएमबीएल पर सौंपा गया। भारतीय तटरक्षक जहाज ‘विजया’ इन मछुआरों और नावों को लेकर फ्रेजरगंज पहुंचा, जहां उन्हें राज्य प्रशासन को सौंप दिया गया।
तटरक्षक बल ने बताया कि उथले समुद्री इलाकों के कारण कई भारतीय मछुआरा नौकाएं अनजाने में सीमा रेखा पार कर जाती हैं। पिछले एक वर्ष में 300 से अधिक भारतीय नावों को आईएमबीएल से वापस भारतीय जलसीमा में लाकर चेतावनी दी जा चुकी है। बावजूद इसके, कई मछुआरे बिना वैध दस्तावेज विदेशी जलसीमा में चले जाते हैं, जिससे गिरफ्तारी, दंड और परिवारों पर मानसिक बोझ जैसी समस्याएं झेलनी पड़ती हैं।
तटरक्षक बल नियमित रूप से तटीय इलाकों में जन जागरूकता कार्यक्रम चला रहा है। साथ ही पश्चिम बंगाल प्रशासन को भी स्थानीय मछुआरों को सीमा पार करने के खतरों और कानूनी परिणामों के बारे में जागरूक करने के लिए कहा गया है।
