नई दिल्ली : केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने भारतीय भाषाओं के लिए स्वदेशी रूप से विकसित कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित मल्टीमॉडल वृहद भाषा मॉडल (एलएलएम) भारत जेन का शुभारंभ किया।
सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय अंतःविषयी साइबर-भौतिक प्रणाली मिशन के तहत विकसित और आईआईटी बॉम्बे में आईओटी (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) और आईओई (इंटरनेट ऑफ एवरीथिंग) के लिए टीआईएच फाउंडेशन के जरिये कार्यान्वित भारत जेन का उद्देश्य भारत के भाषाई और सांस्कृतिक स्पेक्ट्रम में एआई विकास में क्रांति लाना है।
यह पहल विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा समर्थित है तथा अग्रणी शैक्षणिक संस्थानों, विशेषज्ञों और नवप्रवर्तकों के एक संघ को एक साथ लाती है। सिंह ने कहा कि भारत जेन ऐसा एआई बनाने का राष्ट्रीय मिशन है जो नैतिक, समावेशी, बहुभाषी हो और भारतीय मूल्यों तथा लोकाचार में गहराई से निहित हो।
उन्होंने कहा कि यह प्लेटफॉर्म पाठ, भाषण और छवि के तौर-तरीकों को एकीकृत करता है तथा 22 भारतीय भाषाओं में निर्बाध भाषाई एआई समाधान प्रदान करता है। यह पहल स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, कृषि और शासन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को सशक्त बनाएगी। साथ ही क्षेत्र-विशिष्ट एआई समाधान प्रदान करेगी जो प्रत्येक भारतीय की जरूरतों को समझेंगे और उनकी सेवा करेंगे।