देश के 20 राज्यों में अभी भाजपा और सहयोगियों की सरकार, बिहार के नतीजे बताएंगे सियासी नक्शे का सच 

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नई दिल्ली : बिहार विधानसभा चुनाव में आज 2616 उम्मीदवारों की किस्मत के फैसले का दिन है। दोपहर तक यह साफ हो जाएगा की राज्य में किसकी सरकार बनने जा रही है। इसके साथ ही यह भी तय होगा कि देश की 8.90 प्रतिशत आबादी वाले और और 3 प्रतिशत भू-भाग वाले इस राज्य में कौन राज करेगा।

एक बार फिर एनडीए की सरकार बनती है तो देश के सियीसी नक्शे में कोई बदलाव नहीं होगा। लेकिन सरकार बदलती है तो  भाजपा और उसके सहयोगी सरकारों की देश में कुल संख्या सिमटकर 19 राज्यों तक रह जाएगा।

2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार आने के बाद देश की सियासत में बहुत कुछ बदला है। ये बदलाव देश के सियासी नक्शे पर भी दिखता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश की सत्ता में आने बाद देश का सियासी नक्शा कैसे बदला है? मोदी सरकार बनने के वक्त कितने राज्यों में भाजपा और कितने राज्यों में कांग्रेस की सरकार थी? कितने राज्यों में अन्य दल सत्ता में थे? कब देश की सबसे ज्यादा आबादी वाले हिस्सों में भाजपा और उसके सहयोगी सरकारों का शासन आया? इस वक्त देश का सियासी नक्शा कैसा है? आइये जानते हैं…

जब मोदी सत्ता में आए तब सात राज्यों में थीं भाजपा सरकारें : मई 2014 में नरेंद्र मोदी ने भारत के प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली थी। उनके सत्ता में आने के समय देश के सात राज्यों में भाजपा और उसके सहयोगी दल सरकार चला रहे थे। इनमें पांच राज्यों में भाजपा के मुख्यमंत्री थे, जबकि आंध्र प्रदेश और पंजाब में उसकी सहयोगी पार्टी सत्ता में थी। इन दो राज्यों में देश की छह फीसदी से ज्यादा आबादी रहती है। बाकी पांच राज्यों छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान में भाजपा के मुख्यमंत्री थे। इन राज्यों में देश की 19 फीसदी से ज्यादा आबादी रहती है।

यानी, जब नरेंद्र मोदी देश की सत्ता में आए उस वक्त करीब 26 फीसदी आबादी पर भाजपा और उसकी सहयोगी सरकारें चल रही थीं। उस वक्त देश के 14 राज्यों में कांग्रेस और उसके सहयोगी पार्टियों की सरकार थी। कांग्रेस शासित इन राज्यों में देश की 37 फीसदी से ज्यादा आबादी रहती है। इन राज्यों में महाराष्ट्र, कर्नाटक जैसे बड़े राज्य शामिल थे।

2018 में पीक पर पहुंची भाजपा : 2014 में सात राज्यों में भाजपा और उसके सहयोगियों की सरकार थी। चार साल बाद मार्च 2018 में 21 राज्यों में भाजपा और उसके सहयोगियों की सरकार थी। इन राज्यों में देश की करीब 71 फीसदी आबादी रहती है। ये वो दौर था, जब भाजपा शासन आबादी के लिहाज से पीक पर था। वहीं, चार राज्यों में कांग्रेस की सरकार थी। इन राज्यों की सात फीसदी आबादी रहती है।

दिल्ली चुनाव के नतीजों का क्या असर? : बिहार चुनाव से पहले दिल्ली में विधानसभा चुनाव हुए। फरवरी 2025 में हुए इस चुनाव के बाद 27 साल बाद भाजपा ने दिल्ली में वापसी की। देश की आबादी का लगभग 1.3 फीसदी हिस्सा यहां रहता है। 2011 की जनगणना के मुताबिक, दिल्ली की आबादी 1.68 करोड़ थी। देश के 0.02 फीसदी भू-भाग वाले केंद्र शासित प्रदेश में फरवरी 2025 तक आम आदमी पार्टी की सरकार शासन कर रही थी।

अभी किन-किन राज्यों की सरकार में भाजपा या एनडीए की सरकार? : आंध्र प्रदेश-टीडीपी और भाजपा, अरुणाचल प्रदेश-भाजपा, असम-भाजपा, एजीपी, यूपीपीएल और बीपीएफ, बिहार-जदयू, भाजपा, हम, लोजपा (आर) और रालोमो, छत्तीसगढ़-भाजपा, दिल्ली-भाजपा, गोवा-भाजपा, गुजरात-भाजपा, हरियाणा-भाजपा, मध्य प्रदेश- भाजपा, महाराष्ट्र-भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित गुट), मणिपुर- भाजपा, मेघालय- एनपीपी और भाजपा, नागालैंड- एनडीपीपी, एनपीएफ और भाजपा, पुडुचेरी-एआईएनआरसी और भाजपा, ओडिशा- भाजपा, राजस्थान- भाजपा, त्रिपुरा= भाजपा और आईपीएफटी, उत्तर प्रदेश- भाजपा, उत्तराखंड- भाजपा।

कितने राज्यों की सरकार में कांग्रेस या गठबंधन की सरकार? : हिमाचल प्रदेश- कांग्रेस, झारखंड- जेएमएम,राजद और कांग्रेस, तमिलनाडु-डीएमके और कांग्रेस, कर्नाटक- कांग्रेस, तेलंगाना-कांग्रेस, जम्मू-कश्मीर-नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस

किन राज्यों में अन्य दलों की सरकार : पंजाब- आप, पश्चिम बंगाल- तृणमूल कांग्रेस, केरल- एलडीएफ, सिक्किम-एसकेएम, मिज़ोरम-जेडपीएम