‘PM मोदी-अमीर की वार्ता से मजबूत होंगे भारत-कतर संबंध’, जयशंकर बोले- कई मुद्दों पर हुई चर्चा

India-katar

नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार की देर शाम कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय और क्षेत्रीय महत्व के मुद्दों पर व्यापक विचार विमर्श हुआ।

जयशंकर ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद के राजकीय दौरे पर नई दिल्ली पहुंचने पर उनसे मुलाकात की। कई क्षेत्रों में सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए उनके मार्गदर्शन को महत्व देता हूं। मुझे विश्वास है कि मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी बातचीत से हमारी दोस्ती और मजबूत होगी।

विदेश मंत्री ने सोशल मीडिया पर अमीर के साथ अपनी बैठक की कुछ तस्वीरें भी साझा कीं। विदेश मंत्रालय ने कहा कि कतर के अमीर की यात्रा हमारी बढ़ती बहुमुखी साझेदारी को और गति प्रदान करेगी।

बिजनेस फोरम में कतर के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री शेख फैसल बिन थानी बिन फैसल अल थानी तथा वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल मुख्य भाषण देंगे। उच्च स्तरीय कतर प्रतिनिधिमंडल भी इसका हिस्सा होगा, जिसमें ऊर्जा, बुनियादी ढांचे, वित्त, प्रौद्योगिकी, खाद्य सुरक्षा, रसद, उन्नत विनिर्माण और नवाचार क्षेत्र के अग्रणी उद्यमी शामिल हैं। 

इस फोरम में तीन पैनल चर्चाएं होंगी, जिनका विषय होगा-भारत और कतर के बीच दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी बनाने के लिए एक साधन के रूप में निवेश, रसद, उन्नत विनिर्माण और खाद्य सुरक्षा के क्षेत्रों में दक्षताओं का सहयोग व लाभ उठाना। कृत्रिम बुद्धिमत्ता, नवाचार व स्थिरता जैसे भविष्य के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देकर और मजबूत करना। 

इन चर्चाओं से भारतीय और कतरी व्यवसायों को संयुक्त उद्यम, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई), प्रौद्योगिकी साझेदारी और नीति-संचालित सहयोग की संभावनाएं तलाशने में मदद मिलेगी।

भारत और कतर अपने आर्थिक और व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। इसी कड़ी में अमीर की यात्रा के दौरान मंगलवार को भारत-कतर संयुक्त बिजनेस फोरम की बैठक होगी। इसका आयोजन भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की ओर से उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी), वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के सहयोग से किया जाएगा। 

इसमें निवेश के अवसरों, तकनीकी सहयोग और आर्थिक साझेदारी का पता लगाने के लिए शीर्ष व्यापार नेताओं, नीति निर्माताओं और उद्योग हितधारकों को एक साथ लाया जाएगा।