मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का किया गया सफलतापूर्वक परीक्षण

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नई दिल्ली : ओडिशा के चांदीपुर में मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का बुधवार को सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। यह परीक्षण एकीकृत परीक्षण रेंज से किया गया। यह मिसाइल 5,000 किलोमीटर से अधिक की दूरी तक हमला कर सकती है, जिससे चीन के उत्तरी इलाकों तक भी आसानी से पहुंचा जा सकता है। 

रक्षा मंत्रालय ने बताया कि यह परीक्षण रणनीतिक बल कमान (एसएफसी) की निगरानी में हुआ और सभी तकनीकी और संचालन संबंधी मानकों को सफलतापूर्वक परखा गया।

इस परीक्षण से पहले अग्नि-5 को 11 मार्च 2024 को ‘मिशन दिव्यास्त्र’ के तहत पहली बार एमआईआरवी तकनीक के साथ टेस्ट किया गया था। एमआईआरवी तकनीक का मतलब है- एक ही मिसाइल में कई परमाणु हथियार लगे होते हैं, जो अलग-अलग रफ्तार और रास्तों से सैकड़ों किलोमीटर दूर स्थित अलग-अलग लक्ष्यों पर हमला कर सकते हैं। 
हालांकि एमआईआरवी से लैस अग्नि-5 को पूरी तरह ऑपरेशनल बनने में अभी कुछ साल और लगेंगे क्योंकि इसके और कई परीक्षण बाकी हैं।

फिलहाल, भारत की रणनीतिक बल कमान के पास केवल एक-एक वारहेड वाली मिसाइलें हैं। इनमें  पृथ्वी-2 (350 किमी), अग्नि-1 (700 किमी), अग्नि-2 (2,000 किमी), अग्नि-3 (3,000 किमी) और सबसे लंबी दूरी की अग्नि-5 मिसाइलें शामिल हैं, जो चीन को ध्यान में रखकर तैयार की गई है।

क्या है अग्नि-5 की खासियत

  • अग्नि-5 एक तीन स्टेज वाली, ठोस ईंधन से चलने वाली मिसाइल है।
  • इसे विशेष धातु से बने कंटेनर से लॉन्च किया जा सकता है, यानी मिसाइल पहले से ही तैयार हालत में रहती है और किसी भी समय दागी जा सकती है।
  • कंटेनर प्रणाली की वजह से मिसाइल को लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है और इसे रेल या सड़क मार्ग के जरिए कहीं भी ले जाकर किसी भी स्थान से दागा जा सकता है।