वॉशिंगटन : भारत ने अमेरिका में आठ नए कॉन्सुलर एप्लिकेशन सेंटर, यानी वाणिज्य दूतावास आवेदन केंद्र खोलने की घोषणा की है। अमेरिका में भारतीय राजदूत विनय क्वात्रा ने कहा कि नए भारतीय कांसुलर आवेदन केंद्र बोस्टन, कोलंबस, डलास, डेट्रॉइट, एडिसन, ऑरलैंडो, रैले और सैन जोस में खोले जाएंगे।
उन्होंने इस एलान के साथ दोनों देशों के बीच आपसी रिश्ते को मजबूत करने की जरूरत को भी रेखांकित किया। भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों पर क्वात्रा ने कहा, ‘मुझे पूरा विश्वास है कि भारत और अमेरिका के रिश्ते के मूल में लोगों के बीच के आपसी संबंध हैं।’ क्वात्रा ने कहा, ‘हम जल्द ही लॉस एंजिल्स में एक और भारतीय कांसुलर आवेदन केंद्र भी खोलेंगे।’
विनय क्वात्रा ने नए केंद्रों की शुरुआत होने की सूचना दूतावास के एक्स हैंडल से दी। उन्होंने कहा, 1 अगस्त, 2025 से अमेरिका में हमारी कॉन्सुलर सेवाओं में बड़ा विस्तार होगा। इससे सेवाएं बेहतर होने के साथ-साथ कई सकारात्मक बदलाव भी आएंगे।
नए केंद्रों के खुलने से, व्यापक कॉन्सुलर सेवाएं प्रदान करने और संबंधित वितरण क्षमताएं उल्लेखनीय रूप से न केवल बेहतर होंगी, बल्कि इनका विस्तार भी होगा। इन केंद्रों पर काम शुरू होने के बाद जीवंत प्रवासी भारतीयों को मिलने वाली सेवाओं की डिलीवरी तेज और अधिक सुलभ बनेगी।
क्वात्रा ने बताया कि 1 अगस्त से सभी भारतीय कांसुलर आवेदन केंद्र शनिवार को भी खुले रहेंगे। उन्होंने विविध कांसुलर सेवाओं को सुव्यवस्थित करने का भी उल्लेख किया। हालांकि, कुछ महत्वपूर्ण सेवाएं, दूतावास परिसर से ही उपलब्ध कराई जाती रहेंगी।
भारतीय राजदूत ने कहा, ‘हमारा दृढ़ विश्वास है कि भारत-अमेरिका साझेदारी के मूल में लोगों के बीच आपसी संबंध हैं। बोस्टन और लॉस एंजिल्स में दो नए वाणिज्य दूतावासों के खुलने से हम न केवल अपने दोनों देशों के बीच संबंधों को, बल्कि लोगों के बीच आपसी संबंधों को भी, विशेष रूप से बोस्टन और लॉस एंजिल्स के क्षेत्रों में और मजबूत कर पाएंगे।’ बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ महीने पहले ही इन केंद्रों को खोलने का एलान किया था।
गौरतलब है कि इन नए केंद्रों की शुरुआत का एलान ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिका और भारत टैरिफ के मुद्दे पर आमने-सामने हैं। दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी टैरिफ नीतियों को लेकर चर्चा में हैं और उन्होंने भारत समेत कई देशों पर टैरिफ बढ़ाने का एलान कर दिया है। सख्ती दिखाने का एलान करने के बाद जब भारत ने अपने हितों से समझौता न करने का रुख साफ किया तो ट्रंप के सुर भी बदलते दिखे। अब उन्होंने एक हफ्ते का विस्तार और किया है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारतीय मूल के लगभग 54 लाख लोग अमेरिका में रहते हैं। इनमें 20.7 लाख अनिवासी भारतीय (Persons of Indian origin) भी शामिल हैं। भारतीय मूल के लोग अमेरिका में तीसरा सबसे बड़ा एशियाई जातीय समूह हैं। ऐसे में अमूमन कॉमर्शियल गतिविधियों से जुड़े कामकाज के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले वाणिज्य दूतावास के इन नए आवेदन केंद्रों से कितना लाभ मिलेगा, ये आने वाले वक्त में साफ होगा।