रेलवे कर्मचारियों को सरकार ने दिया झटका, ऐसे लोगों के DRM बनने पर लगी रोक

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नई दिल्ली : रेल मंत्रालय ने मंडल रेल प्रबंधक यानी DRM बनने की पात्रता में बड़ा बदलाव किया है. नए नियमों के अनुसार, DRM के रूप में चयन के लिए विचार किए जा रहे अधिकारियों की आयु अन्य पात्रता मानदंडों के अलावा 52 वर्ष से कम होनी चाहिए.

मंगलवार को रेलवे की ओर से जारी सर्कुलर में कुछ नए पात्रता मानदंड जोड़े गए हैं. इसके अनुसार, अधिकारियों को रेलवे या रेलवे के सार्वजनिक उपक्रमों में न्यूनतम 15 वर्ष का अनुभव होना चाहिए. लेकिन आयु सीमा में कोई छूट नहीं देने से वरिष्ठ रेलवे अधिकारियों और विशेषज्ञों का एक वर्ग निराश है.

सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि DRM के रूप में चयन के लिए जिन अधिकारियों पर विचार किया जा रहा है, उनकी आयु उस रिक्ति वर्ष की पहली जनवरी को 52 वर्ष से कम होनी चाहिए.

पूर्व में डीआरएम के पद पर तैनात रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि मेरा मानना है कि डीआरएम की नियुक्ति को उम्र के आधार पर सीमित करना सही निर्णय नहीं है. इसमें छूट की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि इससे बहुत से अधिकारियों का मनोबल गिरेगा, जिन्हें पहले से पता होता है कि जब वे डीआरएम के लिए पात्र होंगे, तब तक उनकी आयु 52 वर्ष हो चुकी होगी. ऐसे अधिकारी कई अन्य योग्य उम्मीदवारों की तुलना में अधिक प्रतिभाशाली और कुशल हो सकते हैं.

कई अन्य पूर्व डीआरएम का भी कहना है कि रेल मंडल को गतिशील और ईमानदार अधिकारी की जरूरत है, क्योंकि इसकी कमाई हजारों करोड़ रुपये में होती है और कोई भी गलत निर्णय रेलवे के लिए बड़ा झटका होता है.

रेलवे के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि डीआरएम पद के लिए योग्य अधिकारियों को लगभग एक वर्ष तक गहन प्रबंधन प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए ताकि वे सभी प्रकार की चुनौतियों से निपटने में सक्षम हो सकें क्योंकि यह एक अत्यंत चुनौतीपूर्ण पद है.

नए दिशानिर्देश में हालांकि यह भी कहा गया है कि सक्षम प्राधिकारी प्रशासनिक आवश्यकताओं और जनहित को ध्यान में रखते हुए लिखित में कारण दर्ज करने के बाद उपयुक्त मामले में एक या एक से अधिक शर्तों में छूट दे सकता है.

वहीं, विशेषज्ञों ने रेलवे बोर्ड के इस निर्णय का स्वागत किया है कि नये दिशा-निर्देशों में डीआरएम के पद के लिए पात्र होने से पहले किसी अधिकारी के लिए रेलवे के साथ 15 वर्षों तक काम करना अनिवार्य कर दिया गया है, जबकि उनके अनुसार पिछले दिशा-निर्देशों में ऐसा नहीं था.

एक पूर्व डीआरएम का कहना है कि पहले सरकारी नौकरियों में 22 वर्ष का कुल कार्य अनुभव आवश्यक था, लेकिन अब रेलवे में इसे 15 वर्ष कर दिया गया है, जो एक सकारात्मक निर्णय है. इसके अलावा नए दिशानिर्देश में एक नया पात्रता मानदंड भी पेश किया गया है, जिसके अनुसार अधिकारी के पूरे करियर की वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट (एपीएआर) को ध्यान में रखा जाएगा और उसके पूरे करियर में कम से कम 60 प्रतिशत ‘उत्कृष्ट’ एपीएआर होना चाहिए.

रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दिशानिर्देश में एक और बात जोड़ी गई है कि इच्छुक अधिकारी के पास डीआरएम के रूप में तैनाती के लिए अपने पिछले दस एपीएआर में कम से कम पांच मंजूरी होनी चाहिए. पिछले दिशानिर्देशों में पांच एपीएआर में पांच मंजूरी की आवश्यकता थी.

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